
सड़कों का जाल बरसात में बन रहा जी का जंजाल
करोड़ों रुपए की सड़के अफसरशाही की भेट चढ़ गई
करंजिया के आसपास बड़े प्रोजेक्ट की सड़कों के हाल खराब
सड़को की गारंटी और संधारण नहीं करती निर्माण एजेंसी
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 21 जून 2020, जिले के पिछड़े और ग्रामीण आदिवासी अंचलों को सड़कों से जोड़ने विगत वर्षो में करोड़ों रुपए सरकार ने खर्च किए, किन्तु अफसरशाही की अनदेखी और व्यापक भ्रष्टाचार के चलते सड़कों का निर्माण मापदंडों के अनुरूप नहीं किया गया और बहुत बड़ी राशि ठेकेदारो को भुगतान किए जाने के बाद भी लोग परेशान ही है।अधिकारियों को भी करोड़ों रुपए कमीशन दिया गया जिसके चलते विभाग के आला अफसर आंखे मूंदे रहे और ठेकेदार सड़क निर्माण के नाम पर लीपा पोती करते रहे इसी का नतीजा है कि जिले में प्रधानमंत्री सड़क, ग्रामीण सड़क योजना की एक भी सड़क सुरक्षित और ठीक ठाक नहीं बची है वहीं किसी भी सड़क पर संधारण कार्य या पांच साल की गारंटी के चलते सुधार अथवा मरम्मत होती नहीं दिखाई देती। इन बड़ी परियोजना से पिछले दस वर्षो में बनी सभी सड़कों की स्थिति और गारंटी की जांच होना अत्यंत आवश्यक है, इस दिशा में मीडिया लगातार आवाज उठाता रहा है किन्तु जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने इसकी कभी उच्च स्तर पर आवाज नहीं उठाई और न ही प्रशासन ने जिले में घटिया कार्य करने वाले विभागों की खबर ली।
विकासखंड करंजिया ने यूं तो विगत वर्षो में सड़कों का जाल बिछा दिया गया है किन्तु बरसात में लोगों के लिए ये जी का जंजाल बन जाता है। विश्वसनीय कार्य एजेंसियों को मनमाना पैसा देकर निर्माण कार्य करवाए जाने के बाद भी लोग हलकान है सड़कों की हालत बुरी है जबकि अभी तक बहुत से मार्गो की गारंटी की अवधि भी पूर्ण नहीं हुई है।
साढ़वाछापर – जुगदेही, झनकी मार्ग की स्थिति दयनीय है कई जगह सड़क पर पानी भरने, सड़क में बड़े बड़े गड्ढे होने से लोग परेशान है न तो कभी इस मार्ग पर सुधार कार्य किया गया न ही सड़क बनने के बाद विभाग के अधिकारी ही इसकी सुध लेने आए, लोगों का कहना है इस मार्ग पर आवागमन बहुत कठिन हो जाता है खासकर बरसात के दिनों में।
पटपरहा से बचटोला सैलवार मार्ग की भी दुर्दशा है काली मिट्टी का क्षेत्र होने से आवाजाही में लोगों को अत्यधिक कठिनाई होती है। इसी तरह परसेल से करंजिया आने के लिए बरबसपुर परसेल मार्ग सबसे आसान है किन्तु सड़क की बुरी दशा के चलते आमजन को रूसा होकर करंजिया आना जाना पड़ता है, बताया जाता है सालों से इस मार्ग पर कार्य चल रहा है पर पूर्ण नहीं होने से आवाजाही प्रभावित हो रही है। इसी तरह मोहगांव से बरेंडा, जाड़ासुरग से नवाटोला, भर्रा टोला से टांड मार्ग की हालत बदतर हो चुकी है।
ग्रामीणजन जर्जर जो चुकी सड़कों से आवाजाही में परेशान हो रहा है बरसात में तो इन मार्गो से मंजिल तक पहुंचना भी गैरमुमकिन जान पड़ता है। इन मार्गो पर वाहनों में टूट फुट होना और दुर्घटनाओं का घटना आम सी बात है। इस पूरे क्षेत्र में बड़ी और विश्वसनीय सड़क निर्माण एजेंसियों से निर्माण कार्य करवाए जाने और इन क्षेत्रीय सड़कों पर यातायात सीमित होने के बाद भी ये सड़के अपने तय समय से पहले ही दम तोड़ रही है और इनकी कोई सुध लेने वाला भी नहीं है, निर्माण एजेंसियों की कोताही और कमीशनखोरी के चलते मापदंडों की अनदेखी और उचित तरह से संधारण और मरम्मत कार्य न होने से सड़के खराब हो रही है और आमजन परेशान हो रहा है।
जिला प्रशासन को जिले में बनी सभी सड़कों की समीक्षा कर संबंधित विभागों और ठेकेदारों के विरूद्ध जब तक कोई कठोर दंडात्मक कार्यवाही और गुणवत्ता की जांच नहीं करवाई जाती तब तक विभाग के अधिकारी – ठेकेदार कमीशन – भ्रष्टाचार का मकड़जाल जिले में बन रही सड़कों के जाल को निगलना रहेगा। शासन का पैसा बर्बाद होता रहेगा और जनता हलकान।