बड़े-बड़े सरकारी दावे, गरीब महिला भटक रही सालों से आवास के लिए

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आदिवासी महिला की झोपड़ी पर है दबंगों की नजर

न भूमि का पट्टा मिला न आवास का लाभ

डिंडोरी – जनपद टुडे, 19.02.2020

डिंडोरी – गाडासरई केंद्र सरकार और राज्य की सरकार की तमाम योजनाएं गरीबों के लिए बड़े-बड़े इश्तहारों में चमकती नजर आती है पर यदि सच में किसी गरीब के हालातों का जमीनी जायजा लिया तो यही लगता है कि अभी वर्षों लगेंगे इन गरीबों के उत्थान में सरकार आवासहीनो को आवास और भूमिहीनों को जमीन के पट्टे दिलाने की बकायदा तिथियां घोषित कर चुकी है। पर सच में गरीब आज भी भटक रहा है आवास और भूमि का पट्टा पाने और सालो ठोकरे खाने के बाद हर दरवाजा खटकाने के बाद उसे मिलता कुछ नहीं।

ऐसा ही मामला बजाग जनपद के गाड़ासरई के करीब स्थित ग्राम गन्नागुंडा का है इस ग्राम के 48 वर्षीय विद्या बाई पिछले लगभग 25 वर्षों से ग्राम में निवासरत है, गरीब महिला और उसका पति मजदूरी करके अपना परिवार पालते हैं उनके द्वारा छोटे से सरकारी जमीन के टुकड़े पर अपनी झोपड़ी बना ली गई थी और इनका परिवार इसी स्थान पर पिछले 20 से 25 वर्षों से काबिज हैं।
सरकार की योजनाओं की जानकारी मिलने पर इस परिवार की भी उम्मीदे जागी कि उन्हें भी शासन की मदद से एक अदद आवास जरूर मिल सकता है और यहीं से शुरू हुआ अंतहीन संघर्ष, यह गरीब परिवार भूमि का पट्टा पाने और प्रधानमंत्री आवास के लिए जनप्रतिनिधियों, मंत्री विधायक, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत से लेकर जनसुनवाई और मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी समस्या दर्ज करवा चुका हैं पर कहीं से भी कोई समाधान इनकी समस्या का नहीं हो पाया है।

जहां इस गरीब परिवार को तमाम सारे प्रयासों के बाद भी न तो भूमि का पट्टा मिला न ही आवास ऊपर से नगर के ही कुछ दबंगों द्वारा अधिकारियों से मिलीभगत कर इन गरीबों के उस भूखंड को भी खाली कराने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आरोप अवैध कब्जा किए जाने और अतिक्रमण करने का लगाया जा रहा हैं। अब ये गरीब परिवार जाए कहा ?
प्रशासन को ऐसे गरीबों की सुनवाई गंभीरता के साथ कर न्यायसंगत निर्णय इनके पक्ष में लिया जाना चाहिए ताकि इन्हे शासन कि योजना का लाभ मिल सके और इनके सिर के ऊपर भी एक छत हो जिससे ये पीना चिंता इसमें रह सके।

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