डिंडौरी में बड़ा बीज वितरण घोटाला: EOW ने कसा शिकंजा

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जनपथ टुडे डिंडोरी 27 मई।
डिंडौरी जिले में बीज वितरण में हुए बड़े पैमाने पर धांधली और भ्रष्टाचार के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) जबलपुर ने कड़ा एक्शन लिया है। EOW ने तीन वरिष्ठ कृषि अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है, जिसमें करोड़ों रुपये के गबन का आरोप है।

क्या है मामला?

जांच के अनुसार, वर्ष 2021-22 में Targeting Rice Fallow Area (TRFA) योजना के तहत चना और मसूर के बीज वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया। जांच में सामने आया कि वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी हेमंत मरावी द्वारा फर्जी किसानों की सूची बनाकर बीज वितरण दर्शाया गया, जबकि वास्तविक कृषकों को कम बीज वितरित किया गया।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

स्टॉक रजिस्टर के अध्ययन में स्पष्ट हुआ कि ये बीज कार्यालय में कभी आए ही नहीं थे। यह फर्जीवाड़ा तत्कालीन उप संचालक कृषि अश्विनी झारिया और शाखा प्रभारी (सेवानिवृत्त) इंदरलाल गौरिया के निर्देश पर किया गया। जांच में पाया गया कि:

– 728 वास्तविक कृषकों को 546 क्विंटल चना बीज वितरित किया गया, लेकिन इसके अतिरिक्त 372 फर्जी किसानों की सूची बनाकर 276.75 क्विंटल चना बीज वितरण दर्शाया गया।
– 305 किसानों को 121.5 क्विंटल मसूर बीज वितरण के साथ-साथ 295 फर्जी किसानों की सूची तैयार कर 118 क्विंटल बीज का वितरण कागजों पर दिखाया गया।

*कितना हुआ गबन?*

जांच में पाया गया कि कुल मिलाकर ₹30,39,575 की सरकारी राशि का गबन किया गया। यह राशि सरकारी खजाने से निकाली गई और फर्जी किसानों को बीज वितरण के नाम पर हड़प ली गई।

क्या होगी कार्रवाई?

आरोप प्रमाणित पाए जाने पर अश्विनी झारिया (तत्कालीन उप संचालक कृषि), इंदरलाल गौरिया (शाखा प्रभारी, सेवानिवृत्त) और हेमंत मरावी (वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी) के विरुद्ध धारा 120बी, 409, 420, 467, 468, 471 भादवि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7(c), 13(1)(b), सहपठित 13(2) के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना है।

क्या है आगे की कार्रवाई?

EOW द्वारा की गई जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने के बाद अब आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना है, जिसमें उनके खिलाफ विभागीय जांच और सजा भी शामिल हो सकती है।

क्या है सरकार की भूमिका?

सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।

किसान होंगे लाभान्वित

इस मामले में कार्रवाई के बाद किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उन्हें सीधे मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक

इस मामले में कार्रवाई के बाद भ्रष्टाचार पर रोक लग सकेगी। सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने से सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच सकेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगी।

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