बैतूल सेसन जज एवं उनके पुत्र की संदिग्ध मौत

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 26 जुलाई 2020, प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री महेंद्र कुमार त्रिपाठी एवं उनके युवा पुत्र अभियनराज को फ़ूड पाईजिनिंग के चलतेअस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान दोनों का निधन हो गया है एक मजिस्ट्रेट और उनके पुत्र की मौत से यहां हड़कम्प मच गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक एडीजे श्री त्रिपाठी की आज सुबह इलाज के दौरान एलिक्सिस अस्पताल में मृत्यु हो गयी। जबकि पुत्र ने अस्पताल पहुचने से पहले ही दम तोड़ दिया। इस घटना से अदालत,पुलिस,प्रशासन और अधिवक्ताओं में सन्नाटा खिंच गया है और घटना से लोग स्तब्ध और शोकाकुल है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रद्धा जोशी के बताया कि फ़ूड पाइजनिंग के बाद पिता पुत्र को 23 तारीख को पाढ़र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां हालत बिगड़ने पर उन्हें नागपुर रैफर किया गया था। गंभीर हालत में रैफर किये गए दोनो पिता पुत्र में बेटे की हालत अधिक गंभीर होने के चलते बेटे की रास्ते मे ही मौत हो गयी। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। एएसपी के मुताबिक पिता पुत्र व परिवार ने 20 तारीख को रात में जो भोजन किया था।उसके बाद उनकी हालत बिगड़ी । पुलिस को संदेह है कि मजिस्ट्रेट परिवार ने जो चपातियां खाई थी। उससे फूड पाइजनिंग हुई। इसमे मजिस्ट्रेट और उनके दो पुत्रों ने चपाती खाई थी।जबकि पत्नी ने चपाती नही खाई थी।उन्होंने चावल खाया था। जिसके कारण वे पाइजनिंग का शिकार नही हुई।
एएसपी ने बताया कि पुलिस इस मामले में घर मे रखे आटे की सैम्पलिंग करेगी वही बिसरा भी जांच के लिए भेजा जाएगा। दोनो पिता पुत्र का शव परीक्षण नागपुर में ही किया जा रहा है। जिनके नाखून और बाल संरक्षित कर रखे जाने हेतू कहा गया है।

इधर एसडीओपी विजय पुंज ने बताया कि परिवार से जानकारी मिली है कि जज के न्यायालय में या सर्किट हाउस के पास किसी परिचित ने उन्हें आटा दिया था।जिसे घर जाकर रोटियां बनाई गई थी।जिसे दोनो बेटों और जज ने खाया था। जिसके बाद जज और एक बेटे की हालत ज्यादा बिगड़ गयी। अस्पताल से डॉ पांडे और आनंद मालवीय ने इलाज किया था।हालत बिगड़ने पर उन्हें पाढर भेजा गया था।
इधर कोतवाली और गंज टीआई जज के निवास पर जांच के लिए पहुचे है। बंगले के भृत्य के मुताबिक मैडम और दोनो बेटे इंदौर से आये थे।कुछ दिन पहले। खाना मैडम ने ही बनाया था।

इधर पाढर हॉस्पिटल प्रबन्धन ने भी बताया है कि 23 तारीख को जब पिता पुत्र को अस्पताल लाया गया था वे गंभीर हालत में थे। पिता पुत्र के शवों को बैतूल न लाकर उनके गृह ग्राम ले जाया जाएगा। एडीजे त्रिपाठी मूलत शहडोल जिले के धनपुरी क्षेत्र के निवासी थे।

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