सांसद का फर्जी लेटर पैड छापा फिर सांसद के यहां रिश्वत रख आए : SDO गहरवार पर FIR

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                सांसद रीति पाठक 

जनपथ टुडे, सीधी 14 मार्च 2021, वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एसपी सिंह गहरवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एसडीओ गहरवार पर आरोप है कि उन्होंने क्षेत्रीय सांसद रीति पाठक के नकली लेटर पैड छापे और फर्जीवाड़ा किया। मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारी एसपी सिंह गहरवार फिलहाल भोपाल में पदस्थ है।

लघु वनोपज का अध्यक्ष बनने एसडीओ गहरवार ने सांसद का पत्र दिया था सीधी उप वनमंडल में पदस्थ रहे एसडीओ एसपी सिंह गहरवार के द्वारा लघु वनोपज का अध्यक्ष बनने के लिए सांसद के कूटरचित पत्र का उपयोग किया गया। उनके द्वारा 10 मार्च को पत्र क्रमांक 604/ सीएमएस/एमपी/011/2021 अंकित कर प्रमुख सचिव वन विभाग के पास भेजा गया, इसमें सांसद के द्वारा अनुशंसा की गई थी कि एसपी सिंह गहरवार को लघु वनोपज का अध्यक्ष बनाया जाए।

सांसद रीति पाठक ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी

सांसद की सिफारिश के आधार पर प्रमुख सचिव कार्यालय ने कार्यवाही प्रारंभ की। इसी दौरान कार्यवाही से अवगत कराने के लिए प्रमुख सचिव के कार्यालय से सांसद रीति पाठक को फोन किया गया तब पता चला कि सांसद ने ऐसा कोई पत्र लिखा ही नहीं है। सांसद ने उस पत्र की कॉपी मांगी और इसकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दी गई।

एसडीओ गहरवार ने सांसद को रिश्वत देकर कार्यवाही रोकने का प्रयास किया

दिल्ली से वापस लौटने के बाद सांसद ने अपने निजी सचिव हीरालाल यादव से कोतवाली पुलिस को आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की गई, जिस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 420, 417, 419, 465, 469 के तहत केस दर्ज कर लिया है। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद एसपी सिंह गहरवार ने सांसद को रिश्वत देने का भी प्रयास किया गया। सांसद के दिल्ली से वापस लौटने पर उनके आवास में जाकर मिठाई का डिब्बा लिफाफे में कुछ रुपए रख कर वापस लौट आया, जिसे सांसद ने कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।

पहले भी सांसद के फर्जी लेटर पैड का उपयोग कर चुका है

बताया गया कि एसडीओ ने सीधी में पदस्थ रहने के दौरान भी सांसद के फर्जी लेटर पैड का सहारा लिया था, जिसका खुलासा होने पर सांसद के द्वारा फटकार लगाते हुए हिदायत देकर मामले को पुलिस को नहीं सौंपा गया था। दूसरी बार फिर कूटरचना करने के कारण पुलिस तक मामले को पहुंचाया गया है‌।

विभागीय अधिकारियों से भी विवाद होता रहा है

एसपीएस गहरवार का पूरा कार्यकाल विवादों में रहा है। उन पर तत्कालीन सीधी डीएफओ वाईपी सिंह भी मारपीट और अभद्रता का आरोप लगा चुके हैं। इसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। सीधी से हटने के बाद वह वन मुख्यालय रीवा पहुंचे लेकिन उनकी यहां भी डीएफओ से पटरी नहीं बैठी। वह कई बार डीएफओ से अभद्रता कर चुके हैं, जिसकी विभागीय जांच चल रही थी। दोषी पाए जाने पर 2 साल पहले वन मंत्रालय द्वारा निलंबित कर दिया गया था।

डीएफओ पर रिवाल्वर तान दी थी

बताया गया कि पांच वर्ष पहले सीधी डीएफओ के ऊपर रिवाल्वर तानकर चर्चा में आए गहरवार अगस्त 2018 में रीवा डीएफओ विपिन पटेल के साथ कार्यालय में अभद्रता कर चुके हैं। वन विभाग द्वारा दी गई जिम्मेदारी का पूर्ण रूपेण निर्वहन भी नहीं कर पा रहे थे। कई कार्यों में उनके द्वारा लगातार अनियमितता की गई है। जिसकी विभागीय जांच भी चल रही थी। फिर भी गहरवार के व्यवहार में कोई सुधार नहीं हो रहा था।

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