माफियाओं का खेल, गोदामों में जमा कराया जा रहा घटिया चावल
जनपथ टुडे, डिंडोरी, मई 1,2020, गरीबो को अच्छा चावल मिल सके इसके लिए शासन ने किसानों की धान खरीदी कर सीधे मिलरो को दे कर चावल लेने की नीति बनाई है। जिससे गरीबों को अच्छी क्वालिटी का चावल उपलब्ध हो सकें। लेकिन यहां भी माफियाओं ने अपने पैर पसार लिए है और गरीबों के हक में डाका डालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
किन्तु शासन की योजना जमीनी स्तर पर फीकी पड़ रही है, गरीबों को मिलने वाले चावल पर मिलर, गोदाम प्रभारी व केंद्र प्रभारी की मिलीभगत से घटिया चावल का भंडारण करा के गरीबों को वितरण किया जा रहा है।
कई बार मीडिया ने इस भ्रष्टाचार को उजागर भी किया लेकिन सेटिंग के आगे कोई बड़ी और निर्णायक कार्यवाही इन माफिया मिलरो के खिलाफ नहीं हो सकी ।
अनूपपुर जिले के कोतमा वेयरहाउस में इन दिनों गुणवत्ता विहीन चावल का भंडारण किया जा रहा है बताया गया कि शासन ने मिलरो को इस शर्त में धान दी थी की धान के 67% चावल सीधे गोदाम में जमा किया जाएगा जिसकी जांच गोदाम प्रभारी व केंद्र प्रभारी के देखरेख में किया जाएगा लेकिन इनकी मिलीभगत से बिना जांच के ही गोदामों में चावल का भंडारण किया जा रहा हैं, जिससे गरीबों को मिलने वाले अच्छे चावल का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है ।
कलेक्टर ने भी लिखा है पत्र – हाल ही के दिनों में जिला कलेक्टर को शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने पत्र लिखते हुए कहा था कि जिले के भंडारग्रहों में भंडारित गुणवत्ता विहीन खाद्यान्न को किसी भी परिस्थिति में उचित मूल्य दुकानों में भंडारित न कराया जाए । गुणवत्ता विहीन खाद्यान्न का अपग्रेडेसन संबंधित गोदाम संचालक द्वारा कराया जाकर एफ ए क्यू मापदंड का होने के पश्चात ही उसका वितरण उचित मूल्य दुकानों में कराया जाए। गुणवत्ता प्रभावित होने पर जेबीएस स्कीम के तहत संबंधित गोदाम के किराए की राशि में निम्नानुसार कटौती किया जाकर गोदाम संचालक पर पेनाल्टी लगाया जाना सुनिश्चित करें।अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कार्यवाही की जाएगी ! जिला कलेक्टर ने यह पत्र एमपी स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन जिला प्रबंधक अनूपपुर एवं एमपी वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन जिला प्रबंधक अनूपपुर को लिखकर अवगत कराया है लेकिन कलेक्टर के आदेश को दरकिनार करते हुए अभी भी गोदामों में गुणवत्ता विहीन चावलों का भंडारण कराया जा रहा है, और सीधे उचित मूल्य की दुकानों में पहुंच रहा है। माफिया मिलरो व जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से मिलर सीधे उचित मूल्य की दुकानों पर चावल की खेप पहुंचाते हैं, जानकारी के अनुसार मिलर को पहले अपनी चावल की गुणवत्ता की जांच कराते हुए गोदामों में चावल को जमा करना है इसके बाद फिर चावल की जांच होने के बाद ही उचित मूल्य की दुकानों में चावल का वितरण किया जाएगा लेकिन इस खेल में मिलीभगत होने के कारण या चावल की खेप सीधे उचित मूल्य की दुकान पर पहुंचा दिया जाता है, वही इस कारनामे से मिलर के चावल की जांच नहीं हो पाती और गरीबों को मिलने वाला चावल घटिया और मिलावटी होता है।
गौरतलब है कि घटिया चावल को गोदामों में जमा करने में अधिकारियों के साथ साठगांठ और रिश्वतखोरी का खुला खेल चल रहा है और इस काले कारनामे में यदि कोई जिम्मेदार अधिकारी साथ नहीं देता तो उसके साथ माफियाओं के द्वारा मारपीट तक की जाती है।