पुलिस की झूठी शिकायत कर रहे, झोलाछाप कानून को दे रहे चुनौती

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 7 नवंबर 2020, जिले में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टर आम जनता के स्वास्थ से खिलवाड़ करने के साथ ही साथ अब पुलिस पर मनगढ़ंत इल्जाम लगाने लगे है। परचून की दुकान की तर्ज पर जिले भर में क्लीनिक संचालित करने वाले तथाकथित चिकित्सक अब कानून व्यवस्था पर भी भारी नजर आ रहे हैं। ताजा मामला शुक्रवार को प्रकाश में आया है जिसके मुताबिक मेहंदवानी थाना क्षेत्र के सारस डोली ग्राम में अवैध रूप से इलाज करने वाले गिरोह ने एक राय होकर एक महिला के माध्यम से झोलाछाप की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया और जांचकर्ता आरक्षक और शिकायतकर्ता पर दुराचार का आरोप मढ़ दिया। शिकायत की सच्चाई प्याज के छिलकों सी उतरने लगी है। लेकिन इस मामले से स्पष्ट हो गया है कि जिले में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टर अब वर्दीधारियों को भी चुनौती दे रहे हैं।

आलम यह है कि पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे ही जिला मुख्यालय में अवैध क्लीनिक संचालित हैं। इनके संचालक न तो डिग्रीधारी हैं, न ही डिप्लोमाधारी बाबजूद इसके इनकी दुकानें बेखौफ संचालित हो रही है। जबकि पुलिस को इनकी योग्यता, जारी प्रमाण पत्र, वैधता, पंजीयन और प्रेक्टिस अनुमति की जांच का अधिकार है। लेकिन कार्यवाही न होने से झोलाछापो के हौसले बुलंद हैं और अब यह समस्या खुद पुलिस के लिए नासूर साबित हो रही है।

गौरतलब है कि प्रदेश में ऐसे अनेकों मामले है जहां झोलाछाप डाक्टरों पर हुई कार्यवाही में उनके विरूद्ध पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उन्हें हवालात तक पहुंचाया, किन्तु जिले में प्रशासन की अनदेखी से इन झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ सिर्फ दिखावटी कार्यवाही की जाती रही है और अब तक किसी भी झोलाछाप पर अपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है दूसरी ओर अवैध झोलाछाप डाक्टरों का गिरोह पूरे जिले में सक्रिय है और खुलेआम नियम, कानून और प्रशासन को चुनौती दे रहा है। अब शायद उन्होंने पुलिस पर भी शिकंजा कसने की ठान ली है, यदि समय रहते प्रशासन और पुलिस बल ने नियमानुसार इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही नहीं की तो लोगों की जान के लिए खतरा बन चुके झोलाछाप सभी के लिए नासूर बन सकते है।

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