
पंचायत ने जीवित बुजुर्ग को मृत घोषित कर काट दिया नाम
3 वर्षों से परेशान हैं बुजुर्ग हितग्राही
जनपथ टुडे, डिंण्डौरी, 15 सितंबर 2020, जहां जिले की ग्राम पंचायतों में मृत लोगों को मजदूरी भुगतान, मेड़ बंधान आदि का लाभ दिए जाने के कई मामले चर्चा में रहे है, वहीं ग्राम पंचायत भुसंण्डा के 63 वर्षीय कुंवर सिंह मरावी पिता विक्रम सिंह को ग्राम पंचायत ने तीन वर्ष पूर्व ही मृत मान उनका नाम पंचायत की सूची से डिलीट कर दिया जिसके बाद से उसे मिलने वाली योजनाओं का लाभ उसको नहीं मिल पा रहा है ।
तीन वर्षों से बृध्दावस्था पेंशन, किसान फसल प्रोत्साहन राशि, उचित मूल्य पर राशन आदि के लाभ से उक्त व्यक्ति वंचित है। वही प्रभावित व्यक्ति द्वारा पंचायत से लेकर जनपद तक दर्जनों बार खुद को जिंदा किए जाने के लिए आवेदन दिया जा चुका है, किंतु 3 वर्षों में भटकते भटकते परेशान हो चुका है और उसकी समस्या का किसी ने गंभीरता से कोई हल निकालने की कोशिश नहीं की, जिसके चलते 3 वर्षों से गरीब मजबूर और परेशान ही रहा है। विगत 3 सितंबर को इसके द्वारा जिला पंचायत सीईओ और जिला कलेक्टर को आवेदन देकर अपनी समस्या का निराकरण करवाने का अनुरोध किया है।
उक्त व्यक्ति ने पंचायत के पूर्व में पदस्थ रहे रोजगार सहायक एवं प्रभारी सचिव लोक राम मरावी पर उनका नाम जानबूझकर काटे जाने का आरोप लगाया है। सचिव पर आवेदक द्वारा भ्रष्टाचार और गड़बड़ियां करने के कई और भी आरोप लगाए गए हैं। इस संबंध में पंचायत के पूर्व प्रभारी सचिव का कहना है कि दो कुंवर लाल होने के कारण इनका नाम मूल बस कट गया जिसे पुनः जोड़ने हेतु मैंने प्रक्रिया कर दी है। 3 वर्ष में प्रक्रिया क्यों पूर्ण नहीं हो पाई इसका जवाब उनके पास नहीं था। गौरतलब है कि 3 वर्षों से एक जिंदा व्यक्ति खुद को जीवित साबित करने भटक रहा है गरीब का जीवन कष्टप्रद हो रहा है। उसका हक उसे नहीं मिल पा रहा और जनपद के अधिकारी और ग्राम पंचायत नकारा बनी बैठी है।
जिस जिम्मेदार व्यक्ति की गलती से गरीब परेशान है उस पर कार्यवाही की जानी चाहिए और परेशान हो रहे हितग्राही का पहुंची क्षतिपूर्ति सचिव से करवाई जानी चाहिए तब ही न्याय संभव, सूत्र बताते है कि पूर्व में इनके द्वारा तिहारो बाई नाम की एक महिला के साथ भी इसी तरह किया गया था जिसके कारण उस पर अर्थदंड लगाया गया था।