
फर्जी हस्ताक्षर कर सरपंच पुत्र ने कर दिया लाखों का सरकारी भुगतान
ग्राम सचिव ने कलेक्टर,SP, CEO से की लिखित शिकायत
बजाग सारंगपुर पंचायत में फर्जीबाड़ा
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 22 अक्टूबर 2021, त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में भ्रष्टाचार किस तरह हावी है, इसकी बानगी बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सारंगपुर में सीधे तौर पर देखी जा सकती है। जहां सरपंच के पुत्र ने कूटरचित तरीके से फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी राशि का भुगतान कर दिया है। इतना ही नहीं शातिर सरपंच पुत्र ने हेराफेरी को छुपाने की कोशिश के तहत राजनैतिक दबाव भी बनाया। लेकिन आर्थिक गड़बड़ी की भनक लगते ही बिना किसी दबाव में आए सचिव घनश्याम ने पूरे मामले की लिखित शिकायत कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और SDM से करते हुए कार्यवाही की मांग की है।
आरोपों के मुताबिक सरपंच पुत्र ने कूटरचित तरीके से नरेगा कार्यों में ₹426534 का गड़बड़झाला किया है। सचिव घनश्याम परस्ते द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक सरपंच ग्राम पंचायत, फूलवती बाई मरावी के पुत्र शिवपाल द्वारा वित्तीय वर्ष 2017 के तहत तुर्री टोला में स्वीकृत पाईप पुलिया निर्माण कार्य में बिल क्रमांक 164 दिनांक 26 अक्टूबर 2018 को ₹124000, बिल क्रमांक 3, दिनांक 28 दिसंबर 2018 को ₹128510 का भुगतान कूट रचित हस्ताक्षर द्वारा संबंधित मटेरियल सप्लायर को किया है। इसके अलावा सरपंच पुत्र शिवपाल ने बिजाखन नदी (बड़े टोला) में वित्तीय वर्ष 2017 के तहत स्टॉप डेम निर्माण कार्य में सामग्री बिल क्रमांक 30 दिनांक 20 जनवरी 2017 में भी सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर ₹198000 का पेमेंट जारी कर दिया। सचिव के मुताबिक अन्य पंचायती दस्तावेजी और देयकों में भी सरपंच पुत्र शिवपाल ने फर्जी हस्ताक्षर कर अनिमित्ताओ को अंजाम दिया है। सरपंच पुत्र की करतूतों से परेशान सचिव घनश्याम द्वारा इस बाबत विरोध करने पर शिवपाल अपने राजनैतिक रसूख का दवाब देता है। वही शासकीय कार्य को संपादित कर रहे सचिव के साथ गुंडागर्दी और झगड़ा करता है, जो शासकीय कार्य में बाधा साबित हो रहा है। इस बाबत भी पीड़ित सचिव घनश्याम ने बजाग थाना में शिकायत की है।
कब होगी कार्रवाई
बड़े पैमाने पर पंचायतों में जारी आर्थिक अनिमित्ताओं पर अभी तक कोई भी ठोस कार्रवाई नज़र नही आई है। बैठकों में कलेक्टर सार्वजनिक तौर पर सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी और सरकारी राशि के हेरफेर के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के निर्देश देते हैं, लेकिन मैदानी स्तर पर DM के निर्देशो की अवहेलना की जाती है। जिसका नतीजा है कि भ्रष्टाचार पर लगाम नही लग पा रही है।