
प्रदेश की महिलाएं रोजगार /स्वरोगार से जुडकर आत्मनिर्भर बन रही है : ज्योति प्रकाश धुर्वे
श्रीमती ज्योतिप्रकाश धुर्वे ने 4 करोड़ 09 लाख के स्वीकृति पत्र/ऋण का वितरण किया
संपन्न हुआ रोजगार दिवस का कार्यक्रम
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 25 फरवरी 2022, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योतिप्रकाश धुर्वे ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार/स्वरोजगार से जोड़ने का काम कर रही है। जिससे महिलाए स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सके। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योतिप्रकाश धुर्वे शुक्रवार को कलेक्ट्रेट मैदान में आयोजित रोजगार दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं। इस अवसर पर कलेक्टर रत्नाकर झा, अपर कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा, मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती अंजू अरूण कुमार, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दिनेश बरकड़े, अग्रणी बैंक प्रबंधक मोहन चौहान, प्रबधंक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र श्रीमती राधिका कुसरो सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम का लाईव प्रसारण किया गया, जिसे उपस्थित जनसमूह ने देखा और सुना।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योतिप्रकाश धुर्वे ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं को रोजगार/स्वरोजगार से जोडने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाए गैस एजेंसी, क्रेसर मशीन, किराना दुकान, मनिहारी दुकान, हार्डवेयर की दुकान, कपड़ा व्यवसाय, सब्जी उत्पादन, मछली पालन, मुर्गी पालन, पशु पालन का व्यवयाय कर रहीं है। इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योतिप्रकाश धुर्वे ने आयोजित कार्यक्रम में 610 हितग्राहियों को 4 करोड़ 09 लाख रूपए का स्वीकृति पत्र/ऋण का वितरण किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाईव प्रसारण के माध्यम से डिंडौरी जिले में ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की हितग्राही श्रीमति सुलोचना वनवासी से संवाद किया। श्रीमती सुलोचना वनवासी ने बताया कि पहले उसके पास रोजगार का साधन नहीं था। उसे रोजगार की तलाश में पलायन करना पड़ता था। उन्होंने खेत में फसल कटाई का भी काम किया है। सुलोचना ने बताया कि 2012 में वह ग्रामीण आजीविका मिशन की स्व-सहायता समूह से जुड़ी और समूह बनाकर काम करना प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाओं के साथ 10 रूपए प्रतिमाह जमा करते थे। समूह की राशि जरूरतमंद महिलाओं को दी जाती थी। उन्होंने समूह से जुडकर स्वयं का व्यवसाय प्रांरभ किया। उन्होंने वर्तमान में सेंटिग का कार्य भी प्रारंभ किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बन रहे मकानों सहित अन्य मकानों के लिए वह सेंटिंग किराए से देती है। उसके पास मनिहारी अण्डा और बर्तन दुकान भी है। श्रीमती सुलोचना वनवासी ने बताया कि उसे प्रतिमाह पंद्रह से बीस हजार रूपए की आमदनी हो जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं के लिए रोजगार/स्वरोजगार स्थापित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। प्रदेश की महिलाएं सशक्त एवं सबल बन रही हैं। उन्होंने सभी महिलाओं को श्रीमती सुलोचना वनवासी से प्रेरणा लेकर स्वयं का रोजगार का स्थापित कर आगे बढने की सलाह दी।