
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सेवा विभाग की निविदा प्रक्रिया की जांच की मांग
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 29 सितम्बर 2020, विगत दिनों पी एच ई डिंडोरी द्वारा जिले के सभी विकासखंडों में हैंड पम्प संधारण कार्य हेतु बुलवाई गई निविदा में गलत तरीके से अड़ंगे लगा कर कार्यपालन यंत्री द्वारा दो निविदाकारों के अलावा बाकी के ठेकेदारों की निविदाएं नहीं खोले जाने से हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले को ” जनपथ टुडे” पहले भी उठा चुका है। आज पी एच ई द्वारा अपनाई गई निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ियों के आरोप लगाते हुए, शिवराज ठाकुर, जिला अध्यक्ष युवा कांग्रेस ने ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया है। जिसमे पूरी प्रक्रिया की जांच कर, दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए पुनः निविदा करवाए जाने की मांग की गई है।
गलत प्रक्रिया अपनाई गई
बताया जाता है कि शासन के निर्देशों के अनुसार २ करोड़ रुपए से कम लागत के कार्यों हेतु तकनीकी विट की आवश्यकता नहीं होती है। किन्तु फिर भी विभाग ने वित्तीय निविदा मांगी और उसको आधार बना कर सभी निविदाकारों की वित्तीय निविदा नहीं खोली गई केवल दो निविदाकारों की निविदा ही खोली है। “श्रमिको का पंजीयन” मांगा गया था जिसमें एक फर्म के तकनीकी प्रतिवेदन में कार्य प्राप्त होने पर पंजीयन करवा लिया जावेगा, को मान्य कर लिया गया और उसका वित्तीय आफर खोल दिया गया। किन्तु अन्य ठेकेदार जिनके पास पंजीयन नहीं था उनका वित्तीय आफ़र नहीं खोला गया। इसी तरह के और भी आरोप लगाते हुए ठेकेदारों ने विभाग के कार्यपालन यंत्री पर भेदभाव पूर्ण निविदा प्रक्रिया अपनाते हुए अपने चहेते ठेकेदार को उपकृत करने के आरोप लगाए है। इसी मुद्दे पर आज कांग्रेस के युवा नेता ने पूरे मामले की जांच कर उचित कार्यवाही किए जाने की मांग जिला कलेक्टर से की है।
नल जल योजना बनी सफेद हाथी
विभाग की नकारा व्यवस्थाओं के चलते जिले के गांव गांव में शासन के करोड़ों रुपए खर्च कर स्थापित की गई नल जल योजना जिन पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए किन्तु विभाग की अनदेखी के चलते करोड़ों रुपए का भुगतान ठेकेदारों को कर दिया गया फिर भी ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। कहीं जल का श्रोत ही नहीं है तो कहीं पाईप लाइन चेक नहीं जो सकी है तो कहीं लाइन खराब हो चुकी है और बताया जाता है कि अब विभाग इन करोड़ों रुपए खर्च कर बनाई गई अनुपयोगी योजनाओं को ग्राम पंचायतों को सौंपने दबाव बना रही है। जिला प्रशासन को पी एच ई द्वारा अब तक स्थापित की गई सभी नल जल योजनाओं की समीक्षा करवा कर जांच की जावे की आखिर करोड़ों रुपए शासन के खर्च होने के बाद भी ग्रामीणों को पेयजल मुहैया क्यों नहीं हो पा रहा है?