
शौचालय निर्माण के लिए तीन बार भुगतान कर मिलीभगत से हुई गड़बड़ी, जनपद ने नहीं की कार्यवाही
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 29 अगस्त 2020, जिले की समनापुर जनपद के ग्राम पंचायत मारगांव में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण की राशि का गबन सरपंच और सचिव की मिलीभगत से किये जाने के आरोप लग रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि तीन हितग्राहियों के नाम से तीन बार शौचालय की राशि भुगतान कर भृष्टाचार किया गया है। ग्रामीणों द्वारा जनपद कार्यालय में शिकायत भी की गई थी लेकिन जनपद के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई। इस बीच सचिव रामगोपाल सुरेश्वर को 1/8/2020 को सेवानिवृत्त कर दिया गया सचिव के द्वारा सेवा निवृत्त होने के बाद 14/8/2020 को शौचालय के मटेरियल भुगतान की राशि एक लाख रुपये आहरण किए जाने के भी आरोप लगाए जा रहे है। लोगो का कहना है कि सरपंच और सचिव के साथ जनपद के अधिकारी की सांठगांठ से ही गोलमाल संभव है।
सरपंच सचिव सहित पंचायत का चौकीदार भी मामले में है शामिल
जनपद में ग्रामीणों की शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं किया जाना बड़े प्रश्न जरूर खड़े करता है, जबकि मामले में सचिव और सरपंच तो शामिल है बल्कि शिवप्रसाद पिता बिन्नू सिंह ग्राम पंचायत में ही चौकीदार है और उसके खाते में दो बार दयाराम, धरमू व कौशल्या बाई के शौचालय निर्माण की राशि 7 जनवरी और 2 जून 2020 को भुगतान किया गया वहीं तीसरी बार इन हितग्राहियों के शौचालय निर्माण की राशि सह हितग्राही चतुर्धुन के खाते में 27 जून 2020 को फिर से भुगतान किए जाने की जानकारी पंचायत के दस्तावेजों से साबित होती है। हितग्राहियों को शौचालय निर्माण का भुगतान तीन बार किया गया परन्तु हितग्राहियों के खाते में नहीं किया जाना संदेह पैदा करता है।
पूरे मामले में सचिव सहित सरपंच और चौकीदार भी जिम्मेदार है यह पंचायत के दस्तावेज संकेत दे रहे है। हालाकि चौकीदार शिवप्रसाद का कहना है कि उसके नाम से बिल लगे होगे पर मेरे खाते में पैसा नहीं डाला गया है। मैंने अपने बैंक खाते का डिटेल भी जनपद को दे दिया है। चौकीदार के जवाब के बाद मामला और गंभीर इसलिए जो जाता है कि कहीं बिल शिवप्रसाद के नाम पर स्वीकृत किए जाने के बाद किसी और के बैंक खाते में तो राशि नहीं डाली गई है?
मारगांव ग्राम पंचायत और सरपंच पर लगते रहे है आरोप
मारगांव ग्राम पंचायत की सरपंच के ही खाते में विभिन्न निर्माण कार्यों की मजदूरी की राशि का भुगतान किया जाना जो कि लाखों रुपए है। वहीं सरपंच से संबंधित फर्म को भी मोटा भुगतान मटेरियल के भुगतान के नाम किए जाने की चर्चा है। जिसका खुलासा सूत्रों से प्राप्त तत्वों की पूर्णतः पुष्टि होने पर शीघ् किया जावेगा। इसके पूर्व भी ग्राम पंचायत की करतूतें चर्चा में रही है और कई मामलों की शिकायत के अलावा