जांच में गड़बड़ी उजागर होने व प्रतिवेदन पर कार्यवाही की अनुशंसा के बाद भी दोषियों पर नहीं हो रही कार्यवाही
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 1 मार्च 2021, जनपद पंचायत अमरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत अलोनी के सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक के द्वारा की गई अनियमितताओं की ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई थी, जिसकी जांच जनपद पंचायत द्वारा गठित जांच दल द्वारा लगभग डेढ़ माह पहले की गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच के उपरांत जांच प्रतिवेदन तैयार कर सीईओ अमरपुर को सौंप दी गई। यह भी बताया जाता है कि सीईओ अमरपुर द्वारा जांच प्रतिवेदन अनुसार कार्रवाई प्रस्तावित कर जिला पंचायत को भेज दी गई है लेकिन कार्यवाही हेतु मामला अभी भी अटका पड़ा है।
जांच प्रतिवेदन के अनुसार सरपंच श्रीमती लामिया बाई से वसूली हेतु 9363/- रूपये सचिव माखन सिंह धुर्वे से वसूली 9363/-रूपये रोजगार सहायक हरपाल सिंह से ₹6321 की राशि वसूली योग्य पाई गई थी।
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जानकारी में बताया गया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमरपुर द्वारा उक्त तीनों के विरुद्ध पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की कार्रवाई प्रस्तावित कर लमिया बाई प्रधान /सरपंच के विरुद्ध धारा 40 की कार्यवाही तथा माखन सिंह धुर्वे सचिव ग्राम पंचायत अलोनी के विरुद्ध मध्यप्रदेश पंचायत सेवा अनुशासन तथा अपील अधिनियम 1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं ग्राम रोजगार सहायक हरपाल सिंह के विरुद्ध मध्य प्रदेश रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के अंतर्गत संविदा सेवा शर्तों की कडिका 15 एवं 16 के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। लेकिन अभी तक दोषियों पर कार्यवाही नही हो सकी।
जांच दल और जांच प्रक्रिया संदिग्ध
शिकायतकर्ताओं का अब भी यह आरोप है कि जांच दल द्वारा जांच प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्षता के साथ नहीं किया है। बहुत से तत्व दबाने का प्रयास किया गया है और शिकायत में कुछ बिंदुओं की जांच सूक्ष्मता से नहीं की गई है। यदि ठीक से जांच की जाती तो बड़ा घोटाला उजागर होने की संभावना थी। ग्रामीणों ने बताया कि जांच दल में शामिल जनपद के सहायक यंत्री एवं उपयंत्री ने खुद को पूरी तरह बचाने का सफल प्रयास किया है, जबकि ग्रामीणों की शिकायतों के अनुसार तो ये खुद भी शिकायत के अनुसार जांच के दायरे में थे, तब भी जनपद द्वारा इन्हे ही शिकायत में जांच का जिम्मा दे दिया गया।
इस पूरे मामले में जांच में अपनाई गई प्रक्रिया और जांच प्रतिवेदन तथा सीईओ की अनुशंसा के बाद भी कार्रवाई न होने से इस पूरे मामले में अधिकारियों की मिलीभगत और संरक्षण की आशंका ग्रामीण शिकायतकर्ता व्यक्त कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में गड़बड़ी और निर्माण कार्य में लगने वाली सीमेंट पाइप स्थल पर जांच के समय न मिलना तथा फर्जी हाजिरी डालकर राशि भुगतान करना गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है लेकिन जांच दल ने मामला पंजीबद्ध कराने के बजाय वसूली योग्य समझा क्योंकि जांच करता ही कार्यवाही के दायरे में खड़े हो जाते, जिनके द्वारा इन कार्यों का सत्यापन और मूल्यांकन किया जाता है।
जिला पंचायत तकनीकी अमले की भूमिका की करवाए जांच
अब ग्रामीणों ने शीघ्र कार्रवाई की मांग कर लमिया बाई प्रधान /सरपंच को तत्काल हटाने एवं सचिव एवं रोजगार सहायक के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही किए जाने की मांग की है वहीं जिला पंचायत के वरिष्ठ अधिकारियों से पुनः अपने स्तर से जांच करवाने की मांग भी की जा रही है।