
बजाग जनपद अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते रिहा, समर्थको ने दिखाया उत्साह
(अविनाश टांडिया )
तेज हुई राजनीतिक उठापटक, ताकत दिखाने सक्रिय हो रही खेमेबाजी
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 28 अगस्त 2021, जिला मुख्यालय में महिला थाने में हुए विवाद के बाद महिला पुलिस थाने में अभद्रता और पुलिस कर्मियों से मारपीट का मामला दर्ज कर बजाग जनपद पंचायत अध्यक्ष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। न्यायालय से जमानत मिलने पर गुरुवार को देर शाम उन्हें डिंडोरी जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होने पर रुद्रेश परस्ते के समर्थको ने भारी संख्या में उत्साहित होकर उनका स्वागत किया और समर्थकों में आक्रोश से भरी खुशी दिखाई दी जो जिले में कांग्रेसी राजनीति पर बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही हैं। समर्थकों की मानें तो एक छोटे-से मामले को इतना तूल देने में रुदेश को भविष्य के लिए अपना संभावित खतरा मान कर निपटाने की जी तोड़ कोशिश राजनैतिक विरोधियों द्वारा की गई है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा इस बात की भी है जिले में दोनों विधायक कांग्रेस के होने के बावजूद फर्जी पुलिसिया कार्रवाई पर कांग्रेस के बड़े नेताओं की मौन सहमति की शंका पैदा करता है। पहले भी इसी तरह के कुछ घटनाक्रम ज़िला पंचायत की सदस्य एवं महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती चंद्र कला परस्ते और करंजिया जनपद पंचायत अध्यक्ष रंजीता को अपराधिक मामले में षड्यंत्र पूर्वक फसाने की कोशिश की जा चुकी है और इन मामलों में भी खेमेबाजी साफ देखी जाती रही है। लेकिन पिछले प्रकरणों की तरह इस बार भी अंत में षड्यंत्र करने में लगे लोगों को निराशा ही हाथ लगी है। जानकारों की माने तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में संभावित ख़तरे को निपटा देने को ध्यान में रखकर कहानी रची गई थी। रुद्रेश की रिहाई के बाद कहानी खत्म होने के बजाय शुरू होती नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस के भीतर खाईयां गहरी हो चली है। जिसका बड़ा खामियाजा पार्टी को आगे के चुनावों में हो सकता है। मामला दर्ज होने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि महिला पुलिस थाने में मारपीट और अभद्रता का मामला होने से उन्हें जल्दी जमानत मिलने में मुश्किल होगी किन्तु न्यायालय द्वारा बुधवार को जमानत मंजूर कर लिए जाने के बाद उन्हें जेल से रिहा करना पड़ा। हालाकि उनकी जमानत अर्जी पर पुलिस द्वारा कड़ी आपत्ति लगाई गई और जमानत का विरोध किया गया था किन्तु फिर भी रुद्रेश परस्ते को जमानत मिल गई। वास्तव में देखा जाएं तो रुदेश एक ज़मीनी पकड़ रखने वाले कांग्रेस के नेता हैं जिन्हें विशेषकर युवाओं में भारी लोकप्रियता हासिल है और उनके पास कार्यकर्ताओं की लंबी तीन है। यही वजह है कि वजह है कि रुद्रेश परस्ते कम उम्र में दो बार बजाग जनपद के अध्यक्ष बन चुके है। उनके विरूद्ध मामला क़ायम होते ही जिले भर से रुदेश के पक्ष में खुलकर आवाज उठने लगी थी जिससे उसके विरोधी भी सकते में जरूर आ गए थे। किन्तु विषम परिस्थिति में भी उनके समर्थक संघर्ष करते दिखे बजाग से लेकर डिंडोरी तक उनके समर्थकों की सक्रियता देखकर विरोधियों की भी हालत पतली नज़र आ रही थी, फिर भी उनका मानना था कि पुलिस के साथ मारपीट का मसला है और रुद्रेश को जेल से बाहर आने काफी पापड़ बेलने पड़ सकते है।
समर्थकों ने दिखाया जमकर उत्साह
जहां जिला कांग्रेस कमेटी और रुद्रेश के समर्थक लगातार मामले की न्यायिक जांच की मांग हेतु राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते रहे वहीं पार्टी के ही कुछ घटक रुद्रेश को जेल भेजे जाने से अंदर ही अंदर खुश थे और उनका मानना था कि मामला गंभीर है और पुलिस पूरी ताकत झोंक देगी जिससे रुद्रेश के राजनैतिक भविष्य पर असर पड़ेगा किन्तु रुद्रेश परस्ते के समर्थको ने भी जमकर जोर लगाया और जल्द ही परिस्थितियां रुद्रेश के पक्ष में हो गई।
आगे बजाग क्षेत्र और कांग्रेस की राजनैतिक गुटबाजी में बहुत कुछ उलट फेर देखे जा सकते है। जहां अब रुद्रेश परस्ते विरोधियों के खिलाफ खुल कर मैदान में आ सकते है वहीं उनकी सक्रियता से विरोधी खेमे की गतिविधियां प्रभावित होगी और आगे के घटनाक्रम में कुछ भी संभव हो सकता है। इस राजनैतिक उठापटक में जो भी होगा कांग्रेस के लिए नुक्सान ही होगा। जबकि पिछले तीन विधानसभा चुनावों में यह क्षेत्र कांग्रेस के लिए मजबूत साबित होता रहा है आगे इस पूरे घटनाक्रम का असर यहां जरूर दिखाई देगा, राजनीति में कुछ भी संभव है इसे नकारा नहीं जा सकता। विगत दो तीन दिनों में रुद्रेश परस्ते के समर्थक विपरीत परिस्थितियों में जिस तरह सक्रिय दिखे उसे देखकर लगता है कि यदि रुद्रेश समर्थक आगे भी इसी तरह सक्रिय रहे तो रुदेश के खिलाफ षड्यंत्र करने वाले नेताओं को यह लड़ाई बहुत भारी पड़ सकती है। आगे आने वाले समय में कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
पिछले कुछ समय का घटनाक्रम देखे तो महिला कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा नेताओं की शिकायत और मामला दर्ज किए जाने की मांग, महिला कांग्रेस अध्यक्ष के पति पर धोखा धड़ी का मामला दर्ज होना, प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम के दौरान डिंडोरी विधायक की उपेक्षा, समर्थको का विरोध प्रदर्शन, कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज होने, बजाग ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ जनपद पंचायत अध्यक्ष द्वारा भ्रष्टाचार की लेकर जिला कलेक्टर से शिकायत और कार्यवाही की मांग, ब्लाक अध्यक्ष पर संगठन के पदाधिकारियों से अभद्रता जा मामला ये सब क्षेत्र में कांग्रेस की खराब होती सेहत और मजबूत हो रही गुटबाजी का इशारा है। इन सभी मामलों में जिला कांग्रेस, डिंडोरी व शहपुरा विधायक समर्थक एक प्लेटफार्म पर साथ खड़े कभी नहीं दिखे। जो कांग्रेस की एकजुटता के लिए चुनौती की तरह है और आगे भी इस स्थिति के बदलने के न तो कोई आसार नजर नहीं आ रहे है न ही किसी भी तरफ से कोई पहल एकजुटता के लिए की जा रही है। हालांकि जो अब संभव भी दिखाई नहीं देती और इसका खामियाजा भविष्य में कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। रुद्रेश परस्ते के समर्थको के इरादे भी आगे खुली जंग के दिखाई दे रहे है। पिछले दिनों से रुद्रेश के समर्थको के उत्साह ने यह भी साबित कर दिया है कि उनके हौसले कमजोर नहीं है और संख्या भी विरोधियों को चित्त करने के लिए पर्याप्त है।