करोड़ों की लागत से बना मृदा परीक्षण केंद्र हो रहा अनुपयोगी साबित

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देव सिंह भारती

कृषि कार्यालय की भूमि निगल गए माफिया

 

जनपथ टुडे, डिंडौरी, 12 जुलाई 2021, शासन किसानों को सुविधा प्रदान करने प्रत्येक जनपद पंचायत मुख्यालय में मृदा परीक्षण केंद्र की स्थापना की गई हैं। जिससे किसानों को मिट्टी परीक्षण का परिणाम प्रदान हो सके, और तत्वों की कमी को दूर किया जाकर ऊपज बढ़ाई जा सके। परंतु मुख्यालय अमरपुर में बना मृदा परीक्षण केंद्र पूर्णतः अनुपयोगी ही साबित हो रहा हैं। जहां बने भवन के अंदर उपयोग होने वाले उपकरण भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं परंतु विभाग द्वारा एक तकनीकी कर्मचारी नियुक्त नहीं किए जाने के कारण किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। किसानों की उम्मीद और शासन की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा हैं। यहां रखे उपकरण उपयोग न होने से कबाड़ में तब्दील होते नजर आ रहे हैं। वर्तमान समय में भवन का उपयोग वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय के रूप में संचालित हो रहा हैं।

क्योंकि कृषि विभाग का भवन जर्जर हो चुका हैं और भवन निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा विगत 3- 4 वर्ष पूर्व दी जा चुकी हैं। परंतु भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका हैं। निर्माण प्रारंभ न होने का कारण भूमि की उपलब्धता का न होना बताया जा रहा हैं। जबकि अमरपुर के राजस्व अभिलेखों उप संचालक कृषि के नाम भूमि दर्ज हैं। जहां पूर्व में कार्यालय सहगोदाम निर्मित था। किन्तु उस पर अतिक्रमण किया जा रहा हैं। इस प्रकार किसानों को जो सुविधा शासन द्वारा मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रही हैं।

यही इस जनपद पंचायत क्षेत्र की विडंबना भी हैं। इस प्रकार प्रशासनिक निष्क्रियता का खामियाजा क्षेत्र के किसानों को भुगतना पड़ रहा हैं। ऐसे किसानों को असुविधाओं से जूझने की मजबूरी हो गई हैं।

राजस्व विभाग भू माफियाओं पर मेहरबान क्यों ??

प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय भवनों की भूमि पर स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिए जाने की समस्या से कई शासकीय भवन जूझ रहे है और यहां के जिम्मेदार अधिकारी स्थानीय अधिकारियों और छुटभैया नेताओं की दबंगई के आगे मुंह नहीं खोलते। विभाग की शासकीय भूमि की अतिक्रमण से मुक्त करवाने हेतु कोई प्रयास और कार्यवाही नहीं की जाती जिसके चलते शासकीय भूमि सिकुड़ती जा रही है और माफियाओं के हौसले बढ़ते जा रहे है। यह स्थिति न सिर्फ अमरपुर की है बल्कि जिले के सभी ब्लॉकों में इसी तरह की भर्राशाही व्याप्त है और इस पर राजस्व अमले का मौन भी सवालों के घेरे में है! इस तरह माफियाओं के बुलंद हौसलों के चलते जनहित प्रभावित हो रहा है और जिम्मेदार लोग हाथ पर हाथ रखे बैठे है। जिला प्रशासन से जनहित में मांग है कि ऐसे अतिक्रमणों की जानकारी सभी विभागों से एकत्र कर ऐसे भू माफियाओं के विरूद्ध शीघ्र कठोर कार्यवाही की जावे।

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