पांच साल बाद नगर परिषद ने 28 अमीरों को दिए आवास, गरीबों को आश्वासन
आवास आवंटन प्रक्रिया से नाखुश हितग्राही
5 साल से अटकी आवास योजना में की गई आवंटन की खानापूर्ति
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 31 मार्च 2022, पिछले 5 वर्षों से अपना घर अपनी छत पाने की चाहत मन में संजोए प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को नगर परिषद ने एक बार फिर आश्वासन का झुनझुना पकड़ा दिया। डिंडोरी नगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 348 आवासों का निर्माण कराया जाना था जिनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 2017 से प्रारंभ हुई थी जिसमें जरूरतमंद लोगों ने ₹20000 की राशि जमा करके अपने घर अपने छत का सपना संजोया था। 5 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पहली खेप के रूप में नगर परिषद ने 28 हितग्राहियों को आवासों का आवंटन शिविर लगाकर किया। यह वह हितग्राही है जिन्होंने ₹20000 की राशि के अलावा ₹180000 एकमुश्त जमा किया है।
शेष ऐसे हितग्राही जो पिछले 5 वर्षों से अपने आवास मिलने का इंतजार कर रहे हैं उन्होंने नगर परिषद की पूरी प्रक्रिया को भेदभावपूर्ण बताया। लोगों का कहना है कि जिनके पास आय के साधन है, जिनके शहर के बीचो बीच पक्के मकान है और जो ₹200000 जमा करने में सक्षम है ऐसे लोगों को नगर परिषद ने आवास आवंटित कर दिया। शेष ऐसे लोग जो इतनी भारी-भरकम रकम जमा नहीं कर पाए उनको फिलहाल तो सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
हालांकि नगर परिषद के अध्यक्ष पंकज सिंह ने आवास आवंटन शिविर में आए हितग्राहियों को संबोधित करते हुए कहा कि आवास आवंटन की प्रक्रिया वरीयता के आधार पर की जा रही है जिन 28 हितग्राहियों को आज आवाज वितरित किए जा रहे हैं उनमें से 19 लोगों के नाम कलेक्टर के द्वारा अनुमोदित किए गए हैं, शेष नामों को अनुमोदन के लिए शीघ्र ही उनके पास भेजा जाएगा।
बहरहाल लोगों ने नगर परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अमीर लोगों को आवास आवंटित कर उन्हें सीधे तौर पर लाभ प्रदान किया गया है। जिन 28 लोगों को आवास प्रदान किए गए हैं उनमें से अधिकांश हितग्राहियों के पास आय के अच्छे साधन और पक्के भवन हैं। बताया जाता है सूची में शामिल कई लोग आवासहीन नहीं है।
अभी भी अधूरे हैं आवास
नगर परिषद ने जिन आवासों का आवंटन आज शिविर लगाकर किया है। अभी भी रहने की स्थिति में नहीं है। आवंटित आवासों में बिजली, पानी सहित सीवर की समस्या बनी हुई है। पेयजल समस्या के निराकरण की बात करते हुए नगर परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए एक बड़ी योजना अस्तित्व में लाई जा रही है, जिसके टेंडर भी हो चुके हैं। लगभग एक करोड़ से अधिक रुपए की लागत से बड़ी पाइपलाइन डाली जाएगी जिससे जलापूर्ति होगी।