
सागौन नीलामी घोटाला, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कृष्णा परमार की फर्म के विरुद्ध EOW ने कराई FIR दर्ज
वीडियो रिकॉर्डिंग में सामने आया DFO और व्यापारियों का कारनामा, ईओडब्ल्यू ने दर्ज करवाई FIR
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 27 सितंबर 2021, मंडला में सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर सागौन लकड़ी की नीलामी में तत्कालीन डीएफओ ने शासन को ₹13 लाख 80 हजार की चपत लगा दी। खुलासा उस वक्त हुआ जब सरकार के निर्देशों पर नीलामी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच की गई। सरकारी कागजों में ओवर राइटिंग कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने संबंधी यह जानकारी सामने आने के बाद ई ओ डब्ल्यू ने डीएफओ सहित 19 कारोबारियों के खिलाफ FIR करवाई है। जिसमें डिंडोरी की नर्मदा ट्रेडर्स और परमार कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम भी शामिल है।
यह है पूरा मामला
ईओडब्ल्यू के डीएसपी मनजीत सिंह ने बताया कि कार्यालय मुख्य वन संरक्षक मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश पर डॉक्टर शैलेंद्र कुमार गुप्ता वन मंडल अधिकारी मंडला उत्पादन के कार्यकाल में की गई लकड़ियों की समस्त नीलामी की विस्तृत जांच के लिए समिति का गठन किया गया था। जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि वन मण्डल अधिकारी मंडला द्वारा नीलामी में गड़बड़ी की गई है। दस्तावेजों में ओवर राइटिंग कर नीलामी की कीमत अंकित कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचा कर शासन को चूना लगाया गया है।
डीएफओ और ठेकेदारों को ईओडब्ल्यू ने बनाया आरोपी
नीलामी के दौरान सांठगांठ कर शासन को चूना लगाने में डीएफओ सहित व्यापारियों की भूमिका का खुलासा होने के बाद मामले की हकीकत सामने आने पर डीएफओ डॉ शैलेंद्र गुप्ता के अलावा एमबी अधिकारी इंद्रपाल गुप्ता, रंगीलाल परस्ते के साथ कृष्णा कुमार सागर, ऋषि टिंबर, राजस्थान टिंबर गोंदिया, नवीन गुप्ता सागर, मनमोहन शा मिल सागर, एन सी सहाय गोंदिया, संतोष टिंबर अंबिकापुर, मां नर्मदा ट्रेडर्स डिंडोरी, परमार कंस्ट्रक्शन डिंडोरी, तोसिफ हसन जसपुर, रामवती फर्नीचर मार्ट सतना, शहजादा टिंबर ट्रेडर्स जसपुर, गोयल टिंबर स्टोर सतना, इलाही टिंबर जसपुर, रियाजुद्दीन टिंबर जशपुर, ईरम एवं एंड कंपनी जशपुर को आरोपी बनाया गया है।
सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471,120 बी, भादवि तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित 2018 की धारा (1) ए (13/2 एवं 7 (सी) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। मामले की जांच कर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जावेगी। जहां पूरे मामले में शामिल डीएफओ और अन्य शासकीय अधिकारी कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है वहीं कुछ कारोबारी फरार बताए जा रहे है।
भाजपा नेता की फर्म के विरूद्ध मामला
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में विभागीय जांच के बाद दोषी पाए गए अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ वन विभाग ने मामले को कार्यवाही हेतु eow को सौंपा है, इस प्रकरण में परमार कंस्ट्रक्शन डिंडोरी के संचालक भाजपा नेता और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कृष्णा परमार भी धोखधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी है, जिनके खिलाफ EOW कार्यवाही करेगा।