सीईओ और सहायक यंत्री बजाग को हटाने, सरपंच सचिव ने खोला मोर्चा, 3% मांगने का आरोप

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जिला कलेक्टर , CEO जिला पंचायत से की शिकायत, उपयंत्रीओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप

शिकायत के साथ पूर्व पदस्त सीईओ की नियुक्ति की मांग की गई

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 27 मई 2022, जनपद पंचायत बजाग के सरपंचों व सचिवों ने जनपद पंचायत सीईओ प्रदीप कुमार तथा सहायक यंत्री आर जी श्रीवास्तव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल हटाने की मांग करते हुए आवेदन जिला कलैक्टर व सीईओ जिला पंचायत को दिया है। जिसमें जनपद पंचायत में पदस्त सब इंजीनियरों पर भी भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी किए जाने के आरोप लगाए गए है।

सीईओ पर निर्माण कार्यों की स्वीकृति के लिए 3% कमिशन मांगे जाने वहीं 15 लाख रुपयों की लागत तक के निर्माण कार्यों की स्वीकृति के लिए सहायक यंत्री द्वारा कार्यपालन यंत्री के हिस्से के भी कमीशन की मांग करने के आरोप लगाए गए है। वहीं सब इंजीनियरों के द्वारा साइड पर जाकर मूल्यांकन नहीं करने, भुगतान हेतु मूल्यांकन नहीं कराए जाने के भी आरोप लगाए गए है, जिनकी शिकायत पर जनपद सीईओ के द्वारा कार्यवाही न कर संरक्षण दिए जाने के आरोप लगाते हुए इन्हें हटाए जाने की मांग की गई है।

पूर्व पदस्त सीईओ स्वाति सिंह बघेल की भूमिका

सीईओ बजाग और सहायक यंत्री को हटाए जाने को लेकर लामबंद हुए सरपंच और सचिवों द्वारा 17.05.2022 को दिए गए इस आवेदन में जहां इन अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए है वहीं बजाग जनपद में पूर्व में पदस्त रही सीईओ स्वाति सिंह बघेल को पुनः पदस्त किए जाने की भी मांग की गई है। वहीं उनके कार्यकाल की प्रसंशा भी खूब की गई है। जबकि उनके कार्यकाल में बजाग जनपद में खुले भ्रष्टाचार की कहानी किसी से भी छुपी नहीं है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मप्र भोपाल के आदेश पत्र दिनांक 7.4.20222 का हवाला दिया गया है जिसके अनुसार प्रभारी सीईओ बजाग प्रदीप कुमार का तबादला जनपद पंचायत समनापुर किया गया है और स्वाति सिंह बघेल का तबादला जनपद पंचायत बजाग किया गया है। किन्तु प्रदीप कुमार के समनापुर नहीं जाने से स्वाति सिंह बघेल प्रभावित हो रही है। जिसके चलते सरपंच और सचिवों की इस मुहिम के पीछे उनका और जनपद के कुछ कर्मचारियों का भी हाथ होने की जानकारी भी सूत्रों के हवाले से दी जा रही है। प्रशासन पर इस तरह का दबाव बनाने की रणनीति के पीछे कुछ स्थानीय नेता भी शामिल बताए जाते है। जिस तरह के आरोप प्रेषित आवेदन ने लगाए गए है उसने कोई खास बात नहीं है यह कमीशनखोरी पंचायत विभाग में परंपरा बन चुकी है। जिले में हो रहे घटिया निर्माण कार्यों और पंचायतों में भ्रष्टाचार, गड़बड़ियों से साफ जाहिर है कि खुलेआम ऊपर से नीचे तक कमिशन तय है।

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