अव्यवस्थाओं के बीच जारी है नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

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इंदक्सन ट्रेनिंग हेतु आयुक्त जनजाति कार्य विभाग द्वारा प्रथक से बजट की व्यवस्था

मीनू के अनुसार नहीं मिल रहा भोजन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे नव शिक्षकों की शिकायत

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 23 मई 2023 (प्रकाश मिश्रा) अभी हाल ही में जिले के सातों विकास खंडों के लिए प्राथमिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति शासन के द्वारा की गई है जिनका प्रशिक्षण जिला मुख्यालय के बालिका परिसर में संचालित किया जा रहा है। ज्ञात हो कि 22 मई से 16 जून तक 4 चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया गया है, अव्यवस्थाओं के बीच जारी है। प्रशिक्षण 22 मई से 26 मई तक होना है जिसमें 267 नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण प्रारंभ है। जिसने पूरी तरह से अव्यवस्थाएं हावी हैं। 22 मई से प्रारंभ हुए प्रशिक्षण के पहले दिन प्रशिक्षण में नवनियुक्त शिक्षक आवास व भोजन की व्यवस्था को लेकर परेशान होते देखे गए। बताया जाता है कि 22 मई से प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया किंतु 22 मई को किसी भी प्रकार के चाय, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था जिला अधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थल में नहीं की गई। इतना ही नहीं प्रशिक्षण प्राप्त करने आई महिला शिक्षकों ने बताया कि उन्हें देर शाम तक वहां पर रुकने की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। काफी मिन्नतें करने के बाद हॉस्टल के कमरों में उन्हें जगह दी गई। 23 मई को भी प्रातः कालीन चाय और नाश्ते की कोई व्यवस्था जिम्मेदारों के द्वारा नहीं की गई। दोपहर के भोजन में केवल दाल चावल ही प्रशिक्षणार्थियों को दिया गया। इसके अलावा दाल चावल की व्यवस्था में भी प्रशिक्षणार्थियों ने शिकायत करते हुए कहा कि बहुत सारे लोग हैं जिनको अभी भी भोजन प्राप्त नहीं हो सका है। भोजन की व्यवस्था हॉस्टल अधीक्षक द्वारा की जा रही है उन्होने बताया कि अभी उन्हें कोई अलग से आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। जो व्यव्स्था उपलब्ध है उसे ही दिया जा रहा है।

शहर से 5 किलोमीटर दूर नहीं है कोई और व्यवस्था

प्रशिक्षण लेने बाहर से आए नव नियुक्त शिक्षकों के लिए बड़ी समस्या यह है कि यदि विभाग खाने पीने की व्यवस्था नहीं करता है तो वे खुद डिंडोरी आकर कैसे अपनी व्यवस्था करे? प्रशिक्षण केन्द्र के आसपास दूर तक कोई भी व्यवस्था नहीं है जिसके चलते महिला शिक्षकों के लिए बड़ा संकट है। इस क्षेत्र तक आटो और टैक्सी भी आसानी से उपलब्ध नहीं है। किन्तु शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी प्रशिक्षण के दौरान व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर नहीं है। जबकि आयुक्त जनजाति कार्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार विभाग के अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग करने और औचक निरीक्षण करना है किन्तु पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दो दिन तक तो कोई भी अधिकारी निरीक्षण करने नहीं पहुंचे, मॉनिटरिंग की स्थिति यह है कि पहले दिन शिक्षकों ने भूखे ही प्रशिक्षण लिया और दूसरे दिन दाल भात के लिए मारामारी करते दिखाई दिए। प्रशिक्षण के दौरान सभी व्यवस्थाओं के लिए निर्धारित बजट प्रदान किए जाने का उल्लेख भी विभाग द्वारा जारी पत्र में है किन्तु प्रशिक्षण के दौरान नव नियुक्त शिक्षक हॉस्टल में उपलब्ध खाना खाने मजबूर है। विभाग द्वारा प्रशिक्षण हेतु जारी आबंटन का क्या होगा इस पर सवाल खड़े होते है?

प्रशिक्षण हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी नीतू रघुवंशी द्वारा शुरुआत में अव्यवस्था होने की बात स्वीकार की गई पर प्रशिक्षण में शहर से पांच किलोमीटर दूर खाने और चाय नाश्ते की तक व्यवस्था नहीं किया जाना कोई सामान्य चूक नहीं है। 250 लोगों के लिए गांव में खाने पीने की व्यवस्था होना असम्भव है तब भी नोडल अधिकारी द्वारा कोई व्यवस्था नहीं किया जाना घोर लापरवाही है। सहायक आयुक्त लगातार मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारी में खुद को शहपुरा में होने की बात कह रहे है। किन्तु विभाग में वे अकेले जिम्मेदार अधिकारी नहीं है व्यवस्थाएं अन्य अधिकारियों को भी सौंपी जा सकती थी।

नोडल अधिकारी ने स्वीकारा कि कुछ अवस्थाएं हैं

22 से 26 मई के बीच नव शिक्षकों का प्रषिक्षण जारी है। जिसके प्रशिक्षण की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी नीतू सिंह रघुवंशी को सौंपी गई है। उन्होंने प्रथम दौर के इन 2 दिनों में व्यवस्थाएं में कमी को स्वीकार करते हुए कहा कि है कुछ अवस्थाएं हैं किंतु शीघ्र ही उन्हें व्यवस्थित कर लिया जाएगा। व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की भी बात कही पर कब तक और कितनी दुरुस्त हो पाएगी व्यवस्थाएं यह स्पष्ट नहीं है।

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