एक सचिव को दो पंचायतों के प्रभार, ग्रामीण पंचायत खुलने का करते हैं इंतजार
ग्राम पंचायत कनेरी व कूटरई का मामला
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 24 नवम्बर 2021, जिले के ग्रामीण अंचल के निवासी विभिन्न योजनाओं और शासकीय सुविधाओं हेतु ग्राम पंचायतों पर निर्भर है। ग्राम पंचायतों के कार्य क्षेत्र सीमित है और पंचायत की निर्धारित आबादी इसके दायरे में आती है, किन्तु पंचायतों की कार्यप्रणाली के चलते अधिकांशतः ग्रामीण बेवजह भटकते फिरते है। शासन द्वारा इस दिशा में कई बार कठोर दिशा निर्देश जरूर जारी किए गए किन्तु वास्तव में इनका पालन एक दिन भी नहीं हुआ जो प्रदेश शासन की अक्षमता का एक जीता जागता नमूना है। ऊपर से जिन पंचायतों में सचिव का प्रभार किसी अन्य पंचायत के सचिव को दे दिया गया है उनका तो बस भगवान ही मालिक है। ऐसी ही समस्या से दो चार हो रहे है मेहदवानी जनपद की दो ग्राम पंचायतों के ग्रामीण, बताया जाता है कि सचिव साहब दोनों पंचायत से नदारत रहते है।
मेहदवानी अंतर्गत ग्राम पंचायत कनेरी के सचिव जेहर सिंह परस्ते को दो पंचायतों का प्रभार मिला हुआ है। ग्राम पंचायत कनेरी और कूटरई, पर सचिव साहब दोनों जगह उपस्थित नही रहते जब ग्रामीण फोन कर पूछते है तो सचिव साहब दूसरी पंचायत में होने का बहाना कर पल्ला झाड़ लेते हैं। हमारे प्रतिनिधि ने जब इनसे मिलने के लिए पूछा कि आप कहा हो तो इन्होंने दूसरी पंचायत में होना बताया जब दूसरी पंचायत में सचिव से मिलने पहुचे तो पता चला सचिव साहब तो दो दिनों से पंचायत ही नहीं आए है। अब सवाल यह उठता है जब सचिव साहब दोनों पंचायत में उपस्थित नही रहते तो शासन की योजनाओं का लाभ समय रहते ग्रामीण को कैसे मिल पाएगा और शासन इन महोदय को वेतन क्यों दे रहा है।
सरकार की मंशा पर कनेरी सचिव जेहर सिंह पानी फेरते नजर आ रहे हैं। ग्रामीण लोगो को झूठ बोल कर गुमराह करने का काम कर रहे हैं सचिव। आखिर ऐसे सचिवों के ऊपर जबाबदार अधिकारी कार्यवाही क्यों नही करते?
प्रभारी सचिव के दिवस निर्धारित किए जावे
परेशान ग्रामीणों की वरिष्ठ अधिकारियों से मांग है कि प्रभार वाली पंचायतों ने सचिव की उपस्थिति के दिवस का निर्धारण किया जावे जिससे महीने के आधे दिवस में तो पंचायत के रहवासियों के कार्य ही सके।