
अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश,आरोपी गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया खुलासा
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 14 अगस्त 2020, पिछले दिनों विक्रमपुर चौकी के अंतर्गत दुधी मझौली में एक अज्ञात लाश बरामद हुई थी। जिस पर मर्ग कायम कर जांच की गई तो एक अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ प्राप्त जानकारी के अनुसार चौकी विक्रमपुर में 8 अगस्त 20 को ग्राम दूधी मझौली में अज्ञात मृत व्यक्ति की सूचना मिलने पर सूचनाकर्ता दूधी निवासी महा सिंह पट्टा की सूचना पर मर्ग कायम किया गया था। अज्ञात मृतक व्यक्ति पुरुष उम्र करीब 40 साल को किसी ने धारदार हथियार से मारकर हत्या करना पाया गया था जिस पर मौके पर ही देहाती नरसी पाई गई थी।
प्रकरण को अपराध क्रमांक 0/20 धारा 302 कायम कर विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान अज्ञात मृतक की तथा हत्यारे की पतासाजी हेतु पुलिस अधीक्षक महोदय तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशन में एक टीम गठित की गई जिसे विवेचना के दौरान मुखबिर से सूचना मिली की एक मोटरसाइकिल जिसका नंबर एमपी 20 एमआर 1520, ग्राम दूधी मझौली में उत्तम सिंह बैगा के यहां खड़ी है जिसकी सूचना पर मौके पर जाकर वाहन के संबंध में जानकारी ली तो पता चला उक्त वाहन ग्राम रिठौरी थाना खमरिया, जिला जबलपुर के निवासी बबली उर्फ बबलू बंजारा के नाम पर पंजीकृत है। उक्त ग्राम में थाना खमरिया जिला जबलपुर से संपर्क कर अज्ञात मृतक व्यक्ति की फोटो तथा वाहन के संबंध में जानकारी दी गई तो बबलू को उसके परिजनों द्वारा पहचान कर लिया गया परिजनों द्वारा फोटो पहचान होने के बाद चौकी बुलाकर शव उत्खनन हेतु डिंडोरी ले जाकर शव की शिनाख्त कराई गई जो बबलू बंजारा का होना पाया गया। इसी दौरान मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई की मृतक अपनी मोटरसाइकिल उत्तम के यहां खड़े करने के बाद अघनू धुर्वे निवासी दूधी मझौली के यहां जाना बताया था, इस संबंध में अघनी धुर्वे व उसके भाई मुरली धुर्वे को चौकी लाकर कड़ाई से विस्तृत पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया और बबलू की लाठी कुल्हाड़ी से हत्या करना बताया। क्योंकि मृतक इन दोनों की बहन निवासी सहजरा के साथ अवैध प्रेम संबंध बनाने के कारण बार-बार दुधी मझौली उससे मिलने आता था इसी कारण हत्या करना बताया इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करने में एसडीओपी लोकेश मार्को अनु विभाग शहपुरा के मार्गदर्शन में चौकी प्रभारी विक्रमपुर वी आर हनोते एवं प्रधान आरक्षक गोपाल राजपूत, संदीप पटेल, पंकज सिंह, छोटेलाल देशिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।