
अमरपुर में 12 साल से बंद फिल्टर प्लांट चालू हुआ
जिम्मेदार विभाग की लापरवाही के चलते महीनों से परेशान थे ग्रामवासी
जनपथ टुडे, डिंडोरी, ब्लाक मुख्यालय अमरपुर में स्थापित पेयजल फिल्टर प्लांट विभागीय लापरवाही के कारण बंद पड़ा था जानकारी के मुताबिक यह लगभग 11 वर्षों से बंद पड़ा था और ग्रामवासीयों को करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बाद भी हाई स्कूल के बोर से वाटर सप्लाई की जा रही थी जो तकनीकी खराबी और जल स्तर नीचे चले जाने से गर्मियों में जल आपूर्ति नहीं कर पाता था। पिछले लगभग 2 माह से यह आपूर्ति बन्द थी और ग्रामीण परेशान थे मामला केंद्रीय राज्यमंत्री के सामने रखे जाने, जिला प्रशासन तक शिकायत के बाद भी नहीं निपट पा रहा था। आक्रोशित ग्रामीणों ने चक्काजाम की चेतावनी दी तब जा कर प्रशासन हरकत में आया और 14 मार्च को खरमेर नदी से जल की आपूर्ति फिल्टर प्लांट के माध्यम से पुनः प्रारंभ किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। बताया जा रहा है वर्षों से बन्द पड़ी टंकी की सफाई का काम चल रहा है, संभवतः 15 मार्च से इसका उपयोग शुरू हो जाएगा।
बताया जाता है कि अमरपुर में स्थापित पेयजल आपूर्ति हेतु फिल्टर प्लांट विभागीय लापरवाही के कारण 12 साल से बंद था। सरकार के तमाम प्रयास के बावजूद लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में पीएचई प्रशासन विफल साबित हो रहा है। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से अमरपुर में बना पेयजल प्लांट शो पीस बना हुआ था। अमरपुर पंचायत में स्वच्छ पेयजल की पूर्ति को लेकर जल संयत्र स्थापित किया गया था। उसका सही तरीके से रखरखाव नहीं होने से यहां के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा। पेयजल की आपूर्ति नहीं होने से यहां के लोगों में बहुत आक्रोश रहा है। जिसको लेकर युवा कांग्रेस जिला सचिव संदीप शाह ने जनपद मुख्यालय में ज्ञापन सौंपा और ज्ञापन को संज्ञान में लेते हुए जनपद सीईओ ने ग्राम पंचायत सचिव को निर्देश देते हुए तुरंत नलजल व्यवस्था को दुरुस्त कर जनपद में सूचना देने को कहा गया। इससे पहले भी प्लांट में आई तकनीकी खराबी को दुरुस्त करने की कई बार विभाग से गुहार लगाने के बावजूद विभाग ने इसे ठीक नहीं किया। तब ग्रामीणों ने चक्काजाम करने के लिए जिला प्रशासन को चेतावनी। इसके बाद ग्राम पंचायत अमरपुर द्वारा पुनः फिल्टर प्लांट से अमरपुर वासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए खरमेर नदी से पानी फिल्टर प्लांट के माध्यम से फिल्टर कर नलजल के माध्यम से घर घर पहुंचाया जाता था। उस समय लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। यह प्लांट सन् 2000 में बनने के बाद 2010 में ही बंद हो गया इसके बाद इसे चालू कराने में विभाग ने कोई रूचि नहीं दिखाई। लगभग 12 वर्ष तक बंद रहने के बाद 14 मार्च 2022 को यह प्लांट पूर्ण रूप से चालू हो गया है।
ग्राम सचिव ने कई बार विभाग को आवेदन देकर खराबी को दुरुस्त करने की मांग की परंतु विभाग उदासीन बना रहा। जिससे ग्रामीणों को हाईस्कूल प्रांगण में लगे ट्यूबवेल का जलस्तर में कमी के कारण डेढ़ महीने पेयजल आपूर्ति के परेशानी का सामना करना पड़ा, अब शायद यह व्यवस्था ग्रामवासियों को पेयजल संकट से मुक्ति दिला पाएगी।