
MP में कोरोंना से मौत का तांडव,24 घंटे में 104 मरीजों ने गवाई जान
-
पहली लहर की बीच में 42 दिन में हुई थी 1000 मौत दूसरी लहर में 23 दिन में हजार मौते
-
कुल आंकड़ा 5000 के पार अप्रैल में 1027 लोगों की कोरोंना से मौत का सरकारी आंकड़ा
जनपथ टुडे, भोपाल, डेस्क समाचार, 24 अप्रैल 2021,
दूसरी लहर में कोरोना से प्रदेश के अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि मरीजों को भर्ती करना भी मुश्किल है, उपचार के साधन और व्यवस्थाएं गड़बड़ाने से मौत ने का तांडव करना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 104 मरीजों की मौत हुई है। अप्रैल के 23 दिनों में 1027 कोरोना पीड़ित जिंदगी की जंग हार गए हैं। पहली लहर में हुई मौतों से यह संख्या लगभग दोगुनी है। सितंबर में कोरोना से 663 लोगों की जान गई थी यह सरकारी आंकड़ा बताता है। लेकिन श्मशान में कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किए जाने वाले शवों की संख्या कई गुना ज्यादा बताई जा रही है।
कोरोना मरीजों की मौत की मुख्य वजह कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक होने के साथ ही मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से साधनों की स्थिति बिगाड़ना और ऑक्सीजन की कमी बड़ी वजह बन रही है। प्रदेश के जबलपुर, भोपाल, शहडोल, ग्वालियर में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होने से आधा सैकड़ा मौतें हो गई। सरकार का दावा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त है। चिकित्सा व शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है।
प्रदेश में अप्रैल में 1027 लोग कोरोना की जंग हार चुके हैं। पिछले 10 दिन में 729 मरीज दम तोड़ चुके है
भोपाल, इंदौर जैसे बड़े शहरों के अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार है मरीज के परिजन अपने स्तर पर ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं। हालांकि सरकार का दावा है प्रदेश में मांग के अनुरूप आपूर्ति हो रही है। पिछले 7 दिन में रोजाना 70 से 75 लोगों की मौत हो रही है। लेकिन शुक्रवार को आंकड़ा 100 पार हो गया।
12919 नए संक्रमित मिले
प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 12919 नए मरीज मिले जबकि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 11,091 है। इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 485703 और स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा 391299 हो गया इसी तरह पॉजिटिविटी का रेट 23% है। रोज मिल रहे नए मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है वहीं अस्पतालों, डाक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ सहित इंजेक्शन और आक्सीजन की भी कमी पड़ रही है। वहीं सरकारी साधन और व्यवस्थाएं भी मरीजों के अधिक बोझ के चलते लड़खड़ा रही है। इस विकराल स्थिति से बचाव का एक मात्र कारगर तरीका लोगों का घर में रहना और लोगों से दूरी बनाए रखना ही है, बाकी के उपाय बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है।