
MP मेडिकल इमरजेंसी : निलंबित नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को तत्काल बहाली के आदेश
जनपथ टुडे भोपाल 24 अप्रैल 2021, कोरोना के एक्टिव केस 90000 पहुंचने के बाद मध्य प्रदेश में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं। बड़े शहरों हो या छोटे, अस्पतालों में स्टाफ की कमी को देखते हुए सरकार ने निलंबित नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को बहाल करने का निर्णय लिया है। इसी तरह हाल में इंटर्नशिप पूरी कर चुके 186 डॉक्टर जिन्होंने ज्वाइन नहीं की है उनके खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की जा रही है
मंत्रालय सूत्रों ने बताया मई के पहले और दूसरे सप्ताह में देश में करीब 7 लाख लोग प्रतिदिन संक्रमित होने का अनुमान केंद्र सरकार ने लगाया है। इस हिसाब से मध्यप्रदेश के अस्पतालों में स्टाफ की आपूर्ति बड़ी चुनौती है। इसे ध्यान में रखते डॉक्टरो के साथ, नर्सिंग, पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने का आदेश दिया है।
त्रिपाठी द्वारा सभी रीजनल डायरेक्टर को भेजे आदेश में निलंबित तृतीय श्रेणी कर्मचारियों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, कंपाउंडर, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर (रिश्वत लेते हुए हुए और व्यापम में लंबित कर्मचारियों को छोड़कर) तत्काल बहाल करने को कहा है। इसके साथ ही मैदानी कर्मचारियों में एमपीडब्ल्यू, पर्यवेक्षक, बीईई को बहाल कर कोरोना मरीजों के संबंधी इलाज संबंधी सेवा में ड्यूटी लगाने के आदेश दिए हैं।
सूत्रों ने बताया कि 186 डॉक्टर्स को सेवाओं में एस्मा लागू करने के एक दिन पहले 29 मार्च को जिलों का आवंटन आदेश जारी कर 20 दिन में ज्वाइनिंग देने का आदेश जारी किया गया था। अब स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत बरकड़े को पत्र लिखकर ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा है जिन्होंने अब तक अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी है।