
पीडीएस भवन की 3 वर्षों में सिर्फ दीवार बन पाई, अधूरा पड़ा भवन
देव सिंह भारती
जनपथ टुडे, अमरपुर, डिंडौरी, 30 सितंबर 2021, जनपद पंचायत अमरपुर क्षेत्रातंर्गत ग्राम पंचायत साम्हर में वर्ष 2018 में उचित मूल्य दूकान भवन की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जहां 3 वर्षों का लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी मात्र दीवार ही खड़ी हो पाई हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से निर्माण का कार्य किसी व्यक्ति को ठेके पर दिया गया था जबकि कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत थी, उक्त ठेकेदार द्वारा भवन कि दीवारें खड़ी कर के काम छोड़ दिया गया और इन 3 वर्षों में बिल्डिंग के खिड़की और दरवाजों में जंग लग चुकी हैं। साथ ही भवन के अंदर, बाहर घास और खरपतवार जम गई हैं। दीवारों पर काई जम गई हैं वर्षों से देखरेख के बिना पड़ा भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है किन्तु जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए है।
इस बीच भवन निर्माण सामग्रीयों की दरों में कई गुना वृद्धि हो जाने के कारण लागत भी बढ़ चुकी हैं। ऐसे में बढ़ी हुई राशि की भरपाई कहां से और किस मद से की जाएगी? इस भवन निर्माण की कितनी राशि खर्च हो चुकी है और कितनी शेष बची है इसकी जानकारी देने कोई तैयार नहीं है। कैसे भवन पूर्ण होगा इसको लेकर संदेह बना हुआ है।
पंचायत भवन भी निगल चुकी है जमीन
उल्लेखनीय है कि यह वही ग्राम पंचायत हैं जहां विगत 15 वर्षों पूर्व एक ग्राम पंचायत भवन के निर्माण कार्य की स्वीकृति 4.18 लाख रु. की गई थी। वह ग्राम पंचायत भवन भी इसी उचित मूल्य दुकान के स्तर तक निर्माण किया जाकर 4.21 लाख रू. की राशि आहरण कर ली गई थी। वह भवन आज की स्थिति में जमीन से ही गायब हो चुका है।, ग्रामीणों का कहना हैं कि कहीं यह भवन भी ग्राम पंचायत भवन की तरह गायब न हो जाए। अन्यथा पीडीएस उपभोक्ताओं को 6 किलोमीटर दूर से ही खाद्य सामग्री लाने की मजबूरी होगी आज भी इस ग्राम के उपभोक्ता यह परेशानी भुगत रहे हैं और शायद भविष्य में भी अव्यवस्था के डंक झेलना उनकी मजबूरी न बन जाए।
अधिकारियों ने भी नहीं ली सुध
जहां पंचायत के कारनामे के चलते भवन सालों से अधूरा पड़ा है वहीं संबंधित विभाग के जिम्मेदारों ने भी इसकी सुध लेना कभी जरूरी नहीं समझा। पंचायत को दी गई शासकीय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र और पूर्णता प्रमाणपत्र तो संबंधित एजेंसी में समय पर दिया जाता है। किन्तु अधिकारी खमोश रहे और किसी के ऊपर न तो जिम्मेदारी तय की गई न वसूली आदि कोई कार्यवाही। इन परिस्थितियों में जिला प्रशासन को ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जानी चाहिए।
इनका कहना हैं:-
“भवन निर्माण हो रहा हैं सचिव को पूर्ण करने निर्देश दिया गया हैं, परंतु लापरवाही के कारण अपूर्ण हैं।”
एएस कुशराम
मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमरपुर
“हम गांव के उपभोक्ताओं को 6 किलोमीटर की दूरी तय कर राशन लाने के लिए झिलमिला जाना पड़ता हैं। किन्तु पंचायत अधूरे भवन का निर्माण नहीं कर रही है।”
लक्ष्मण प्रसाद मिथिलेश, पूर्व सरपंच साम्हर