किसान आंदोलन का असर: 3 दिन में पुनः सर्वे जांच के आदेश

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ZP अध्यक्ष रुदेश परस्ते की अगुवाई में हुआ था किसान आंदोलन

जनपथ टुडे, डिंडौरी, 11 अप्रैल 2023, सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते के नेतृत्व में सागरटोला चौराहा पर किये गये किसान आंदोलन का असर 24 घण्टे के अंदर सामने आया है।आंदोलन और उग्र प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने बजाग और करंजिया तहसीलदारों को तीन दिन में नुकसानी सर्वे के पुनः जाँच के आदेश जारी किये हैं। अपर कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश से खराब हुई फसलों के शतप्रतिशत मुआवजा की मांग की है। जिसके मद्देनजर करंजिया और बजाग क्षेत्र में किये गये फसल क्षतिपत्रक की फिर से जांच कराई जाये। इसके साथ ही आदेश में लेख है कि यह सुनिश्चित किया जावे कि सर्वे पत्रक में सभी प्रभावित किसानों को शामिल किया जावे, कोई भी कृषक छूटा न हो। अपर कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों की मौजूदगी में फसल नुकसानी आंकलन की हिदायत भी राजस्व अमले को दी है। संयुक्त टीम को तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी जारी किये गए हैं।

गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते की अगुवाई में सोमवार को सागरटोला में किसान आंदोलन का आयोजन किया गया था। जिसमें हजारों की संख्या में महिला और पुरुष किसान शामिल हुये थे। किसान आंदोलन के दौरान पूर्व विधायक नन्हें सिंह ठाकुर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अंजू जितेंद्र ब्यौहार, हीरा देवी परस्ते, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रमेश राजपाल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष शिवराज सिंह ठाकुर जीतू, NSUI अध्यक्ष और सरपंच कूड़ा वैभव कृष्ण परस्ते, महिला कांग्रेस पदाधिकारी रौशनी टांडिया ने जनता को संबोधित किया था और बेमौसम बारिश के साथ ओलावृष्टि पर प्रशासन द्वारा कराये गये सर्वे पर सवाल उठाए और इसे किसानों के साथ छलावा बतलाया है। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जब किसान की पूरी उपज प्रभावित हुई है, तो फिर सरकार पूरा मुआवजा क्यों नही जारी कर रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने नुकसानी सर्वे पर सवाल उठाते हुये कहा था कि सर्वे के दौरान मौके पर किसान उपस्थित नहीं थे, लिहाजा राजस्व विभाग ने मनमर्जी से नुकसान दर्ज कर लिया।इसके पूर्व उन्होंने किसानों की समस्याओं को पूर्व में शासन और प्रशासन के समक्ष रखा था और निदान की माँग की थी। लेकिन लंबे समय तक किसानों की समस्या हल नहीं होने की दशा में ZP अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने किसान आंदोलन की राह पकड़ी थी। आंदोलन की दिशा देने जिला पंचायत अध्यक्ष के नेतृत्व में सागर टोला चौराहा पर महिलाओं ने मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2 घंटे प्रदर्शन भी किया था। सागर टोला में धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने ओलावृष्टि के शतप्रतिशत हर्जाना, गरीब किसानों के द्वारा बाजार एवं सहकारी समिति से खाद बीज एवं अन्य कृषि उपकरण के लिये गए कर्ज को माफ करने, बिजली बसूली बंद करवाने, धान का समर्थन मूल्य 2800 और गेहूं का समर्थन मूल्य 3000 रुपये करने की मांग सात दिन में पूरा करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा था। जिसके मद्देनजर स्थानीय मांग के तहत पुनः सर्वे और नुकसानी पत्रक के फिर से आंकलन के निर्देश दिये गये हैं। जबकि अन्य मांगें शासन स्तर की होने की वजह से सरकार को प्रेषित की गई हैं।

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