ग्राम पंचायतों में “पंच परमेश्वर ” की जांच पड़ताल आवश्यक

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 8 जुलाई 2020, जिले की ग्राम पंचायतों में कायदे कानून को ताक पर रखकर चल रही कार्यप्रणाली और निर्माण कार्य में की जा रही गड़बड़ियों के हजारों मामले हैं। लगातार मीडिया के माध्यम से इनकी जानकारी सार्वजानिक भी होती रहती है। ग्राम पंचायतो में हो रही गड़बड़ी, घोटालों और आर्थिक अनियमितताओं की हजारों शिकायते प्रमाण सहित ग्रामीणों द्वारा विभिन्न विभागों में दी गई हैं, पर कार्यवाही के नाम पर कभी भी जनहित में और भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कारगर कदम जिला पंचायत द्वारा अब तक तो नहीं उठाए गए।

 

 

“पंच परमेश्वर” पर माफियायो की जकड़

गौरतलब है कि जिले की पंचायतों में सबसे अधिक दलाल और माफियाओं, भ्रष्ट लोगों का चारागाह “पंच परमेश्वर” योजना बन चुकी है। विगत दिनों नवागत सीईओ जिला पंचायत द्वारा सातों जनपद पंचायतों में मनरेगा की समीक्षा बैठक कर कार्यवाही किए जाने से जिले की पंचायतो, जनपद पंचायतो में मनमर्जी से कार्य करने वालों और आमजन की शिकायतों को कचरे में देखने वालो के हाथ पैर फूलने लगे हैं और पूरे जिले में हड़कंप मचा हुआ है। किंतु लंबे समय से बेखौफ होकर सरकार के पैसों की खुली होली खेलने वालों की लंबी फेहरिस्त है, जिसमें तमाम लोग राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और लगता नहीं कि नवागत जिला पंचायत सीईओ की कार्यप्रणाली भी इन पर नकेल कस पाएगी। क्योंकि जिले में अब तक जो भी हुआ उससे यही लगता है कि जिले में माफिया और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को कानून और शासन प्रशासन की कार्यवाही से अधिक भरोसा अपने आकाओं पर है।

 

“पंच परमेश्वर” पर भी इनायत हो जाए जो नज़रे

नवागत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत डिंडोरी जिले में ” पंच परमेश्वर” के अंतर्गत खर्च की गई राशि का अवलोकन एक बार जरूर देखे की कैसे क्रेशर मालिक मिठाई के बिल और मिठाईवाला ढलाई के बिल लगाकर लाखों रुपए हड़प गया। टपरो में चलने वाले कंप्यूटर केंद्रों के नाम पर करोड़ों रुपए के भुगतान कैसे हो गए, सरपंचों के बेटों की दुकान से चलने वाले पंचायत के निर्माण कार्य और स्वच्छता अभियान के मटेरियल का भुगतान सरपंच, सचिव के खाते में कैसे डाल दिया गया, बिना जीएसटी और पैन नंबर के कैसे सप्लायर बन गए लोग। मजदूरों का भुगतान नेताओं के खाते में हुआ कैसे, सहायक यंत्री के बेटे ने बिना दुकान खोले कहां से बेच दी करोड़ों रुपए की सीमेंट और लोहा, सचिव की पत्नी और सरपंच के पति के नाम कैसे डाले जाते हैं जिले में ग्राम पंचायत के लाखों रुपए। जिले में ग्राम पंचायतों की छवि बदलनी है और विकास कार्यों तथा जनहित में प्रयास किए जाने हेतु सर्वप्रथम जिले में पंच परमेश्वर के तहत किए गए निर्माणों में हुए घोटालों भ्रष्टाचार पर कार्यवाही की जावे जीएसटी जमा न करने वाले सप्लायरों से शासन की मद में बकाया कर की राशि वसूल करवाई जावे और शासन की राशि डकारने वालो और उन्हें संरक्षण देने वाले शासकीय अमले को सीकचो के करीब तक पहुंचाने की शुरुआत हो क्योंकि जिले में पंच परमेश्वर की राशि पर दुष्टों की कुदृष्टि पड़ चुकी है।

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