पंचायत चुनाव को लेकर सियासत हुई तेज, अपना वजूद टटोलने में लग गए नेता

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डिंडोरी, जनपथ टुडे पंचायतों का क्षेत्रवार आरक्षण घोषित होने के बाद से जिले में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। तमाम लोग आरक्षण के बाद अपने-अपने राजनीतिक वजूद की तलाश में जुट गए ग्राम पंचायत स्तर पर अपनी-अपनी पंचायतों में आरक्षण घोषित होने के बाद लोग पंचायत स्तर की राजनीति में अपनी सक्रियता दिखाने लगे हैं। जहां आरक्षण की स्थिति पूर्ववत है वहां पूर्व सरपंच दावेदारी कायम रखने के पूर्ण प्रयास में है वहीं जहां आरक्षण के चलते स्थितियां कुछ बदली वहां सरपंच अपने परिजनों में भविष्य की राजनैतिक संभावनाएं तलाशते के नजर आ रहे हैं।
जनपद क्षेत्रों के आरक्षण के बाद कुछ लोगों के दावों की हवा निकलती नजर आ रही तो कुछ को लग रहा है उनकी लॉटरी खुल सकती है, ग्राम पंचायत, जनपद और जिला पंचायत सदस्यों के पदों पर काबिज होने के लिए बहुत बड़ी संख्या में लोग अभी से सक्रिय नजर आ रहे हैं।जिला पंचायत के 10 वार्ड बढ़ कर इस बार 14 हो जाने से अब जिला पंचायत सदस्यों के 4 पद बढ़ गए हैं इसके चलते ही लोगो में उत्साह हैं।

वहीं बड़े राजनीतिक रसूख के लोग जिला पंचायत सदस्य के लिए अपने-अपने मैदानों की तलाश करने में जुट गए हैं जिला पंचायत पर कब्जा करने मुख्यतः भाजपा कांग्रेस के साथ साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की भी नजर रहती है तीनों दलों की सक्रियता के बाद विगत 15 वर्षों से भाजपा का ही कब्जा बरकरार है। लगातार जिला पंचायत पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता ओम प्रकाश धुर्वे का पारिवारिक वर्चस्व जहां विरोधी दलों को भटकता रहा वहीं कुछ भाजपा के नेताओं की आंखों में भी यह रसूख किरकिरी बनाता रहा है।

सरकार बदलने के बाद कांग्रेसी खेमे में भी जिला पंचायत पर कब्जे को लेकर खासा उत्साह है सबकी नजर वर्तमान में डिंडोरी विधायक व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम की भूमिका पर है, कहा जाता है कि उनकी रुचि अपनी पार्टी के किसी और नेता का मजबूत करने में हमेशा से ही कम रही है बताया जाता है कि विगत चुनावों के समय की गणित कांग्रेश के पक्ष में था किंतु ओमकार मरकाम ने बतौर जिला अध्यक्ष मेहती प्रयास नहीं किए जिसका लाभ भाजपा को मिला और गोंडवाना के गंगा पट्टा को उपाध्यक्ष पद देकर ज्योति धुर्वे को अध्यक्ष बनाने में भाजपा सफल रही थी और इस पूरे मसले में पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे की ही भूमिका महत्वपूर्ण रही थी इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने होंगे इस बार सत्ता में काबिल कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद काफी है वहीं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे के सामने भी एकमात्र राजनैतिक लक्ष्य जिला पंचायत है और वो साम-दाम, दंड-भेद की नीति अपनाकर अपने राजनीतिक अस्तित्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कांग्रेस का कब्जा वर्तमान मंत्री ओमकार मरकाम के लिए भी बड़ी चुनौती पर वे इसे किस तरह से स्वीकारते हैं यह समय ही बताएगा।

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