झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन की मुहिम की निकलती हवा

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 26 अगस्त 2020, आज जिला मुख्यालय में एक झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ प्रशासन द्वारा गठित टीम द्वारा कार्यवाही किए जाने की खबर है। गौरतलब है कि विगत माह मीडिया सहित कुछ जनप्रतिनिधियों, राजनैतिक दल के पदाधिकारियों ने, जिले में फैले झोलाछाप डॉक्टरों के मकड़जाल के खिलाफ आवाज उठाते हुए जिला कलेक्टर से झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायत भी की गई थी, जिसके चलते जिला कलेक्टर द्वारा पत्र जारी कर विकासखंड स्तर पर झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु तहसीलदार, विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, पुलिस की टीम बनाकर पूरे जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेश का ग्रामीण अंचलों में कितना व्यापक असर हुआ और कथित चिकित्सकों जिन्हें झोलाछाप कहा जाता है उन पर जिले भर में गठित दस्तों ने विगत महीनों में जो कार्यवाही की और सार्वजानिक हुई जानकारी के अनुसार विकासखंड करंजिया, अमरपुर, शहपुरा और आज जिला मुख्यालय में एक डॉक्टर के दवाखाने पर हुई कार्यवाही सहित कुल पांच से छह झोलाछाप चिकित्सक, जिला प्रशासन के सख्त निर्देशों के बाद सात विकासखंडों में गठित दस्तों की नजर में आए जबकि जिले के विकासखंड मुख्यालयों और जिला मुख्यालयों में ही दर्जन – दर्जन भर झोलाछाप डॉक्टर अपना कारोबार कई वर्षों से धड़ल्ले से करते चले आ रहे हैं। जो कि पूरे क्षेत्र में विख्यात हैं और ये किसी से छुपा हुआ नहीं है।

 

खोदा पहाड़ निकली चुहिया

जिले के ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है 200 से भी अधिक झोलाछाप चिकित्सक जिलेभर में सक्रिय हैं। जो बिना एलोपैथी की डिग्री के एलोपैथी पद्धति से उपचार करते हैं, इंजेक्शन से लेकर छोटी-मोटी सर्जरी और खास तौर पर गुप्त रोग और गर्भपात कराने में इनको महारत हासिल है। एलोपैथी का पर्याप्त ज्ञान न होने के चलते इनके उपचार से भले ही लोगों को तत्काल लाभ मिलता हो किंतु इनके उपचार को मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक माना जाता है। कई लोगों की जान को जोखिम में डालने और इनके उपचार से कुछ लोगों की मृत्यु तक की चर्चाएं हैं। इसी के मद्देनजर जिला कलेक्टर द्वारा विशेष तौर पर कार्यवाही हेतु सभी विकास खंड चिकित्सा अधिकारी, तहसीलदारों व पुलिस की टीम बनाकर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिस पर जिले भर में की गई कार्यवाही के अब तक के परिणाम चर्चा का विषय जरूर बने हुए है। जब जिले में सैकड़ों झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा उपचार किए जाने की जानकारी के बाद, पुलिस, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक मात्र चार – पांच झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ ही कार्यवाही कर पाई है। जबकि जिले में वर्षों से डटे विख्यात झोलाछाप डाक्टरों को ये पूरी प्रशासनिक मुहिम छू भी नहीं पाई हैं, कार्रवाई तो बहुत दूर की बात है, जिसके चलते जिले में झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ छेड़ी गई प्रशासनिक मुहिम चर्चाओं में है।

 

झोलाछाप डाक्टरों के मठाधीश अब भी सक्रिय

जिले भर में प्रशासन की इस मुहिम के बाद चर्चा है कि विगत दिनों में जिले में जो दिखावटी कार्रवाई झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ हुई है वह छोटे और नए डॉक्टर के खिलाफ हुई हैं, जिनको अभी कथित मठाधीशो का संरक्षण प्राप्त नहीं हुआ है। बताया जाता है कि जिला मुख्यालय में ही इन झोलाछाप डॉक्टरों का एक मुखिया बैठा हुआ है जो समनापुर बजाग और करंजिया के गांवों में अपना फर्जी दवाखाना चलाने वाले झोलाछाप डॉक्टरों को संरक्षण देता है और ऊपर से नीचे तक सारा सेटअप जमाने के लिए उसके द्वारा मोटी रकम उगाहे जाने की भी चर्चाएं है। बताया जाता है इसी के चलते एक प्रदेश विशेष से आए हुए झोलाछाप डॉक्टरों का जिले के गांव गांव में कब्जा है। चर्चा है कि विगत दिनों में प्रशासन के सख्त निर्देशों के बाद झोलाछाप डॉक्टर या तो अपने क्लीनिक बंद कर गए या फिर दबे छुपे अपना काम कर रहे थे पर अब धीरे-धीरे यह सब पुनः रफ्तार पकड़ने लगे हैं। बताते हैं कि कुछ मठाधीश जो डिंडोरी और समनापुर में 20 वर्षों अपनी हकीमी करते हुए प्रशासन तक अपने हाथ पैर फैला चुके है इनके द्वारा जिले के सैकड़ों झोलाछापों से मोटी रकम प्रशासन, मीडिया नेता और चिकित्सा विभाग को मनाने के नाम पर लिए जाने की चर्चा है। इस मुहिम में इनके साथ कुछ और भी कथित लोग शामिल हैं जिनके द्वारा विकासखंड से लेकर जिले तक अधिकारियों से गोटी बैठाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इन तमाम चर्चाओं और सूत्रों से प्राप्त जानकारी के बाद यदि प्रशासन जिले में कारोबार करने वाले इन झोलाछाप डाक्टरों के विरूद्ध कार्यवाही का मन बना ले तो सैकडा भर झोलाछाप डॉक्टरों पर अभी भी शिकंजा कसा जा सकता है।

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