सेनगुड़ा के जंगलों में तीन बच्चों के साथ 15 जंगली हाथियों का डेरा

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रविवार को Elephant Family ने दर्ज कराई आमद

निगरानी में जुटा है वन अमला

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 8 नवंबर 2021, सबसे बड़े शाकाहारी वन्य जीव हाथी के 15 सदस्यीय जंगली समूह ने वन परिक्षेत्र करंजिया के कक्ष क्रमांक 809 सेनगूड़ा भर्रा टोला में पिछले 2 दिनों से डेरा डाल रखा है। इस Elephant Family में 3 बच्चे भी शामिल हैं। जिसके मद्देनजर वन अमला खास तौर पर एहतियात बरतते हुए हाथियों की गतिविधियों पर 24 घंटे नजर रखे हुए हैं। पिछले 2 दिनों से हाथियों के झुंड के इर्द-गिर्द रखी जा रही निगरानी की कमान महिला रेंजर पुष्पा सिंह संभाल रही हैं। वहीं वन मंडल अधिकारी (सामान्य) साहिल गर्ग ने भी विशेष दस्ता गठित कर दिया है,जो पल-पल की जानकारी उच्च अधिकारियों को भेज रहा है।

जानकारी के मुताबिक जंगली हाथियों के झुंड से अभी तक किसी जानमाल की हानि की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। लेकिन 2 किसानों के खेतों में खड़ी धान की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है। इसकी क्षतिपूर्ति हेतु वन विभाग ने पीड़ित किसान को मुआवजा कार्रवाई का भरोसा दिया है।

गौरतलब है कि रविवार की दोपहर लगभग 2 बजे चौरा दादर और जोगी ग्वारा के जंगलों में जंगली हाथियों की आमद दर्ज की गई थी।अनुमानित तौर पर छत्तीसगढ़ की सीमा पर अचानकमार कॉरिडोर से होते हुए हाथी चौरा दादर पहुंचे थे और जोगीग्वारा, बिजौरी,बावली के घने जंगलों में चहल कदमी के बाद शाम तक सेनगुड़ा भर्रा टोला के जंगल में हाथियों ने दस्तक दे दी थी। रविवार की रात को ही हाथियों के झुंड ने अमीनपुरा (सरई) forest area की तरफ मूवमेंट किया था और यहां धान की फसल को रौंद अलसुबह कक्ष क्रमांक 809 हर्रा टोला सेनगूड़ा के जंगल वापस पहुंच गये और यहाँ लेनटाना की झाड़ियों के बीच ठहर गए। बताया गया है कि हाथीयों में मिलन की स्थिति के लक्ष्ण भी देखे गये हैं। सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान भी हाथियों का यह समूह करंजिया वन क्षेत्र में आमद दे चुका है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि हाथियों का यह दल करंजिया के जंगलों से परिचित है और लगाव रखता है। इस बीच जंगली हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत कायम है। हालांकि सुरक्षा और सावधानी के लिहाज से रेंजर पुष्पा सिंह ने आसपास के दो दर्जन गांवों में मुनादी करवाकर ग्रामीणों को जंगल और जंगली हाथियों से दूर रहने की नसीहत दी है। वहीं मानव बस्तियों से हाथों से हाथियों को दूर रखने पटाखे, मशाल और तेज आवाज वाले उपकरणों का उपयोग भी किया जा रहा है।

तेज याददाश्त वाले जीव हैं हाथी

हाथियों के व्यवहार पर जानकारी देते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि दुनिया का सबसे बड़े शाकाहारी जीव का तमगा रखने वाले हाथी की याददाश्त बहुत तगड़ी होती है। कभी ना भूलने वाली विशेषता के कारण हाथी पुरानी जगह पर वापस आ जाते हैं। परिवार के प्रति संवेदनशील यह जीव ऐसे जंगल में विचरण करना पसंद करते हैं,जहां 50 किलोमीटर के दायरे में खाने-पीने का अनुकूल वातावरण उपलब्ध हो। इसकी बानगी करंजिया वन क्षेत्र में नजर आने के कारण ही जंगली हाथी फिर से यहाँ लौटे हैं।बताया गया है कि अधिकतर रात में भोजन की तलाश में हाथी लगभग 25 किलोमीटर का सफर तय करते हैं।जिले में हाथियों की सपरिवार आमद वन्य जीवन (WILD LIFE) के लिए शुभ संकेत है, लेकिन मानव बसाहटओं के लिए यह घाटे का सौदा साबित होता है।इसलिए वन जीव और मानव के बीच संघर्ष को रोकने रेंजर पुष्पा सिंह की टीम कमर कसे हुये है।

“15 जंगली हाथियों का समूह ने वन परिक्षेत्र करंजिया के सेनगुड़ा के जंगल मे विचरण कर रहा है। इनमे 3 बच्चे भी शामिल हैं। इनकी निगरानी हेतु विभाग की टीम 24 घँटे तैनात है। हाथियों के मूवमेंट पर लगातार नजर रखी जा रही है।”

साहिल गर्ग
वन मंडल अधिकारी सामान्य वन मंडल डिंडोरी

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