सरकार द्वारा मनाया जा रहा बिरसा मुण्डा गौरव दिवस झूठा दिखावा- अमान सिंह पोर्ते

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जनपथ टुडे, डिण्डौरी, 13 नवम्बर2021, भाजपा की सरकार के द्वारा 15 नवंबर को वीर क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर गौरव दिवस मनाए जाने को गोंडवाना के प्रदेश अध्यक्ष अमानसिंह पोर्ते ने पूरी तरह से झूठा और दिखावा बताया है। शनिवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी म.प्र. के प्रदेशाध्यक्ष ने जारी प्रेस विज्ञाप्ति में कहा कि 1857 के पूर्व बिरसा मुण्डा ने जल,जंगल, जमीन व खनिज सम्पदाओं के खिलाफ भारतीय उपमहादीप के कई हिस्सों में आदिवासियों की भूमि भवन छिन्न भिन्न हो रही थी बाहरी लोगों व घुसपैठियों के कारण आदिवासियों की जमीनों को छीना जा रहा था। बाहर से व्यवसाय के लिए व्यपारी भी आये जिनकी योजना दूसरों को लूटने की थी। उस समय आदिवासी इलाको में में अंग्रेजी शासन कायम रहने के साथ गैर आदिवासियों का आना-जाना तेजी से बढ़ने लगा। आदिवासियों ने इस घटनाओं का विरोध किया इन्होंने बाहरी लोगों को उखाड़ फेकने के लिए विद्रोह भी किये। भूमि भवन व्यवस्था टूटने और इसाई धर्म के प्रचार-प्रसार की प्रतिक्रिया से आदिवासियों ने अपने धर्म संस्कृति को बचाने के लिए और पुनर्जीवन देने के लिए आंदोलन किये, जिनका विद्रोह और सस्कृति एवं जीवन दोनों एक दूसरे से धुल मिल गये।

उलगुलान 19वीं सदी का अंतिम मुंडा विद्रोह बिहार में राची जिला और सिंह भूमि जिले का उत्तरीय भाग इस विद्रोह का हिस्सा बना। जल, जंगल, जमीन, खनिज सम्पदा के अधिकार एवं भाषा, धर्म, सांस्कृति को बचाने के लिए बिरसा मुण्डा जी ने अपनी प्राणों की अहूती दे दी।

आज मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार वोट बैंक बचाने के लिए वीर योद्धा बिरसा मुंडा के नाम का उपयोग कर आदिवासी मद से करोड़ों रूपये की होली खेल रही है। अमान सिंह पोर्ते ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासियों की हितैषी नहीं है। आज भी आदिवासियों की जल, जंगल, जमीन, खनिज सम्पदा, वनसम्पदा छिनती जा रही है। उनके साथ अन्याय, अत्याचार, शोषण, बलात्कार जैसी अप्रिय घटनाये लगातार जारी है। कुछ भाजपा के आदिवासी विधायक, सांसद लगातर भाजपा की दलाली करते हुये आदिवासियों के हक एवं अधिकारों को दरकिनार कर चुप्पी साधे बैठे हुये है। जबकि जल, जीवन जंगल, जमीनों में बसे आदिवासी समुदायि उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजी रोजगार एवं सं वैधानिक अधिकारों को विधानसभा एवं लोक सभा के पटल में रखने लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व करने के लिए आरक्षण दिया था। इन माननियों ने आजादी के इतने वर्षों बाद भी प्रतिनिधित्व ही नहीं किया है।

गौरतलब है 15 नवंबर को गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर आयोजन को लेकर तैयारियां चल रही है और इस अवसर पर प्रधानमंत्री का भोपाल आगमन हो रहा है। कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस पहले ही सरकार को घेरने का प्रयास करती रही है और अब आदिवासी जनजाति क्षेत्रो में सक्रिय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने विरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित गौरव दिवस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार को घेरने के साथ इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया है।

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