अमेरिका-तालिबान के बीच आज होगा शांति समझौता
डिंडोरी – जनपथ टुडे, 29.02.2020
मोदी-ट्रम्प की चर्चा के बाद पहली बार भारत को न्योता
तालिबानी प्रतिनिधियों और अमेरिकी अधिकारियों के बीच समझौते पर हुई चर्चा
दोहा में शनिवार शाम को समझौता होगा, भारत समेत दुनिया के 30 देशों के राजदूत गवाह बनेंगे
वॉशिंगटन/काबुल. अमेरिका और अफगानिस्तान के आतंकी गुट तालिबान के बीच शनिवार को कतर में शांति समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। इस दौरान भारत समेत 30 देशों के राजदूतों को दोहा आने का न्योता भेजा गया है। इस समझौते में भारत की भूमिका अहम रही है। 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की थी। शांति समझौते से पहले भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला शुक्रवार रात काबुल पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी और सरकार के आला अधिकारियों से मुलाकात की। शृंगला ने राष्ट्रपति गनी को प्रधानमंत्री मोदी का पत्र भी सौंपा।
9/11 हमले के बाद अमेरिका ने 2001 में तालिबान के खिलाफ जंग के लिए अपने सैनिक अफगानिस्तान भेजे थे। यहां आतंकी गुटों के साथ लड़ाई में उसके 2352 सैनिक मारे जा चुके हैं। अमेरिका अब अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी चाहता है। इसके लिए उसकी अफगान सरकार और तालिबान प्रतिनिधियों के साथ लंबे वक्त से चर्चा चल रही थी। लेकिन शांति समझौते को लेकर सहमति इसी हफ्ते बनी। राष्ट्रपति ट्रम्प ने शुक्रवार रात डील को अंतिम रूप देने के लिए हरी झंडी दी।
ट्रम्प और मोदी की चर्चा के बाद भारत को न्योता
तालिबान ने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था, लेकिन भारत ने कभी तालिबान से बातचीत को प्राथमिकता नहीं दी। लेकिन 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने नरेंद्र मोदी से शांति समझौते को लेकर चर्चा की थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री मोदी से इस संबंध में बात की है, हम समझौते के बेहद करीब हैं। भारत इस मामले में साथ देगा और इससे सभी लोग खुश होंगे।’’ इसी के बाद अमेरिका ने पहली बार भारत को तालिबान के साथ किसी बातचीत के लिए आधिकारिक तौर पर न्योता दिया है। इस समझौते के दौरान कतर में भारतीय राजदूत पी कुमारन मौजूद रहेंगे।
‘अफगानिस्तान के लिए शांति और विकास का अच्छा मौका’
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तालिबान के साथ डील साइन करेंगे। इसके बाद रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अफगानिस्तान सरकार के साथ साझा बयान जारी करेंगे। अगर अफगानिस्तान और तालिबान की सरकार इन प्रतिबद्धताओं पर खरी उतरती है, तो हमारे पास अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने और अपने सैनिकों को घर लाने के लिए रास्ता बनेगा।” उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों से शांति और बेहतर भविष्य के लिए इस मौके को भुनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह आखिरकार अफगानिस्तान के लोगों पर निर्भर करेगा कि वे अपना काम कैसे करेंगे।
तालिबान ने 5 हजार लोगों की रिहाई की मांग की
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में युद्धविराम के लिए तालिबान ने समझौते में अपने 5 हजार लोगों की जेल से रिहाई की मांग की है। इसके बाद 10-15 दिन के भीतर फिर से सभी प्रतिनिधियों की बैठक होगी। इसमें युद्ध के बाद महिला और अल्पसंख्यकों को लेकर योजनाओं और इलाके के विकास पर चर्चा होगी। शुक्रवार रात अफगान सरकार के 6 सदस्यीय दल ने दोहा के लिए उड़ान भरी। इन सदस्यों को राष्ट्रपति गनी ने खुद चुना है।