जनपथ के सूरज हमारे संपादक (मामा): इरफान मालिक

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पत्रकारिता की दुनिया में एक बेहद सम्मानित और असरदार आवाज है हमारे पंकज शुक्ला जी ,तरक्की पसंद सदाबहार और अपने तंजिया अंदाज में बेबाकी से अपनी बात कहने वाले हमारे प्रधान संपादक पंकज शुक्ला जिन्हें हम सब मुहब्बत से मामा कहके पुकारते हैं आज़ उनके योमे विलादत(जन्म दिन) पर पूरे जनपथ परिवार और अजीजो के जानिब से पुरखुलूस मुबारकबाद पेश करते हुए बस इतना और कहना चाहूंगा कि बहुत सादा मिजाज़ मामा की शख्सियत को समझना है उनकी तस्नीफात का जायजा लेना हो तो थोड़ा माजी में झांकना चाहिए निरंकुश के दौर में आइए,वो तब भी बेहतरीन थे और आज़ भी लाजवाब है, अपनी शर्तों पर अपने अंदाज में काम करना उनकी खुसूसियत रही है , वो एक बेहतरीन पुत्र, शानदार पिता, और एक लाजवाब दोस्त भी हैं , घरेलू जिम्मेदारियों को तरजीह देते हुए सामने खड़ी शोहरत को खामोशी से लात मार देना उनकी अज़ीम शख्सियत की गवाह है, इसलिए आज़ भी वो खबरों के सौदागर नहीं बल्कि कलम के सिपाही बने हुए हैं, राजनीतिक, सामाजिक और वर्तमान परिवेश पर पैनी निगाह रखने वाले मामा हमेशा गहरी से गहरी बात बहुत आसान तरीके से आमजन तक पहुंचा देने का जबरदस्त हुनर रखते हैं ,जहां एक ओर उनकी कलम में स्याही के साथ संवेदना भी बहती हुई महसूस होती हैं तो चुटीले व्यंग्य बड़े अधिकार के कहना उनकी कुदरती अस्नाफ में शामिल हैं, इसलिए आज व्यवसायिक हो चुकी पत्रकारिता में थोड़ा अनफिट भी महसूस करते हैं । हमारी दुआ है पत्रकारिता के आसमां में ये हमेशा अपने तमाम जलवों और बेशकीमती सलाहियतों के साथ इसी तरह अपनी रौशनी बिखेरते रहें, मैं उनके ताबनाक मुस्तकबिल और रोशन नजरियात से मुजय्यन जर्नलिज़्म का सफर जारी रहें और हमेशा स्वस्थय, खुशहाल रहे और दीर्घायु हो।

पुनः मामा को जन्म दिन की बहुत बहुत मुबारकबाद

इरफान मालिक,
मानसेवी संपादक,
जनपथ टुडे,

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