
जिला मुख्यालय में आयोजित हुई डी लिस्टिंग महारैली
धर्मांतरण करने वालों लोगों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करने की मांग
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 28 मई 2022, देश की 700 से अधिक जनजातियों के विकास एवं उन्नति के लिये संविधान निर्माताओं ने आरक्षण एवं अन्य सुविधाओं का प्रावधान किया था। लेकिन इन सुविधाओं का लाभ उन जनजातियों के स्थान पर वे लोग उठा रहे हैं, जो अपनी जाति छोड़कर ईसाई या मुस्लिम बन गए हैं। संविधान की मंशा के अनुरूप भारत के वन क्षेत्र में निवास कर रहे अनुसूचित जनजाति समुदाय का अर्थ है,भौगोलिक दूरी, विशिष्ट संस्कृति, बोली भाषा, परम्परा एवं रूढ़िगत न्याय व्यवस्था, सामाजिक आर्थिक पिछडापन, संकोची स्वभाव अतः इन जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखकर उनके लिये न्याय और विकास को सुनिश्चित करने के लिये आरक्षण एवं अन्य विशेष प्रावधान किये गए। जैसे- जनजाति उपयोजना हेतु वित्तीय प्रावधान, कस्टमरी लॉज, वन अधिकार एवं अन्य प्रावधान शामिल हैं। इन प्रावधानों पर विशेष निगरानी हेतु राष्ट्रपति तथा राज्यपाल को विशेष अधिकार दिये गए।
जनजातियों को यह सुविधाएँ एवं अधिकार अपनी संस्कृति, आस्था, परम्परा की सुरक्षा करते हुए विकास करने हेतु सशक्त बनाने के लिये दिये गए थे। किन्तु दुर्भाग्य की बात है कि कुछ धर्मान्तरित लोग जो अपनी संस्कृति, आस्था, परम्परा को त्याग कर ईसाई या मुसलमान हो गए हैं, जो इन सुविधाओं का 80 प्रतिशत लाभ मूल जनजाति समुदाय से छीन रहे हैं।
28 मई शनिवार को जिला मुख्यालय में विशाल डी लिस्टिंग महारैली का आयोजन किया गया। जिसमें जनजाति सुरक्षा मंच के आयोजकों और कार्यक्रम के सह संयोजक सहित अनुसूचित जनजाति समाज के लोग एकजुट होकर आदिवासी समाज की संस्कृति एवं परंपराओं को छोड़कर ईसाई मिशनरियों के प्रभाव में आकर धर्मांतरण करने वाले तमाम लोगों को आरक्षण सहित अनुसूचित जनजाति होने के नाते मिल रही शासन की सुविधाओं को तत्काल बंद करने की मांग की है।
डी लिस्टिंग महारैली रैली में मुख्य अतिथि के रूप में पूज्य संत दिगंबर गिरी महाराज बीजाडांडी, प्रमुखवक्ता के रूप में मंडला डिंडोरी जिले के सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते सहित जनजाति सुरक्षा मंच के संभाग एवं जिला स्तर के पदाधिकारी तथा डिंडोरी नगर परिषद् के अध्यक्ष डी लिस्टिंग महारैली कार्यक्रम के सह संयोजक पंकज सिंह तेकाम सहित बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति समाज के प्रतिनिधि मौजूद रहे।