अमरकंटक/ माई की बगिया में आस्था के नाम पर परिक्रमावासियों से लूट का कारोबार
परिक्रमावासीयों से नगर परिषद के नियुक्त कर्मचारी पर लग रहे है लूट खसोट के आरोप
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जनपथ टुडे, अमरकंटक, 9 अप्रैल 2021, मां नर्मदा की पवित्र, पुण्य उद्गम स्थली अमरकंटक युगों युगों से आस्था का केंद्र है। यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु भक्तजन मां नर्मदा के दर्शन पूजन एवं स्नान के लिए आते हैं। साथ ही यहां बहुत बड़ी संख्या में मां नर्मदा की परिक्रमा करने वाले परिक्रमावासी देश के कोने कोने से आते हैं। नर्मदा के उद्गम स्थल का नर्मदा परिक्रमा में विशेष महत्व है।
माई की बगिया में चल रही लूट
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मां नर्मदा के उद्गम कुंड से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर माई की बगिया है। यहां मां नर्मदा की परिक्रमा करने वाले परिक्रमावासी बड़ी संख्या में आते हैं। माई की बगिया में परिक्रमावासियों को तट परिवर्तन हेतु तट परिवर्तन पूजा करवानी होती है। कहने का तात्पर्य है जो परिक्रमावासी मां नर्मदा की परिक्रमा करते हुए उत्तर तट रेवा सागर संगम मीठी तलाई से माई की बगिया पहुंचते हैं। उन्हें यहां तट परिवर्तन यानि दक्षिण तट की परिक्रमा आरंभ करने से पूर्व विधान के अनुसार तट बदलकर विशेष पूजा करवानी होती है। यह परिक्रमावासियों के लिए अनिवार्य मानी जाती है।
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बताया जाता है कि विगत एक साल से जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद अमरकंटक में कार्यरत एक भृत्य को माई की बगिया का पुजारी बनाकर बैठा दिया गया है। जिसके द्वारा माई की बगिया में तट परिवर्तन के लिए आए हुए परिक्रमावासियों से अनाप-शनाप वसूली की जा रही है। पूजा के नाम पर, जल परिवर्तन करने के लिए, अखंड धूनी की भस्म देने के बहाने, कन्या पूजन इत्यादि अनेक कारण बता कर परिक्रमावासियों को लूटा जा रहा है। अगर कोई परिक्रमावासी इस शासकीय पंडित जी के कहे अनुसार दान दक्षिणा नहीं देता तो उन्हें श्राप तथा डरा धमका कर पैसे की उगाही की जाती है।
इसके अलावा माई की बगिया में परिक्रमावासियों द्वारा मां नर्मदा को भेंट स्वरूप दी जाने वाली चढ़ोत्री, कपड़ा (साड़ी), नारियल, सोना – चांदी शासन को जमा करने के स्थान अपने पास रखने (अपने घर ले जाता है) के भी आरोप लोगों द्वारा लगाए जा रहे है।
अमरकंटक नगरवासियों द्वारा भी इस पवित्र और धार्मिक नगरी में हो रहे इस प्रकार के कृत्य का विरोध किया जा रहा है। लोगों की मांग है की इस भृत्य को माई की बगिया से हटाया जावे तथा इसके स्थान पर किसी योग्य व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी जावे जो चढ़ोत्री की राशि व सामग्री शासन के खजाने में जमा करें और परिक्रमावासियों से दुर्व्यवहार न किया जावे ।
विगत दिनों अमरकंटक से मंडला महाराजपुर पहुंचे जबलपुर के परिक्रमावासीयो ने धार्मिक नगरी में चल रहे इस गोरखधंधे और परिक्रमा करने वाले भक्तों से लूट खसोट को उजागर किया है।
जिला प्रशासन से जांच कर कार्यवाही की मांग
अनूपपुर जिला प्रशासन, नगर परिषद अमरकंटक के जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से जनापेक्षा है कि इस तरह की शिकायतों की निष्पक्ष जांच करवा कर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जावे। अमरकंटक और मां नर्मदा के प्रति आस्था रखने वाले आसपास के क्षेत्रीय जनमानस इस तरह की घटना से आहत है। नर्मदा परिक्रमा करने वालों को सम्पूर्ण नर्मदा तट पर बसे नगरो और शहरों में साधुओं को दर्जा दिया जाता है और आमजन भी इनकी सेवा करने के अवसर को अपना सौभाग्य समझते है इनके साथ यदि मां नर्मदा के उद्गम स्थल पर इस तरह की लूट खसोट की जा रही है तो यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय घटना है।