तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर घोटाला, खानापूर्ति कर हड़पी जा रही शासकीय राशि

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मिंडली पंचायत का मामला
सब इंजीनियर के विरूद्ध कार्यवाही की मांग

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 24 अप्रैल 2023, बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मिड़ली में सरपंच सचिव और सब इंजीनियर की मिली भगत से शासकीय निर्माण कार्यों के नाम पर घपले और घोटालों की चर्चा पूरे जनपद क्षेत्र में व्याप्त है।

जानकारी के अनुसार जल संरक्षण के लिए शासन प्रशासन अनेक प्रकार की मुहिम चला रही है। जबकि सरपंच सचिव और उपयंत्री की मिलीभगत से शासन की योजनाओं का दुरुपयोग कर खानापूर्ति का कार्य चल रहा है। मिल रही जानकारी के अनुसार आवास टोला मिंडली में तालाब जीर्णोद्धार का कार्य जिसकी लागत लगभग ₹8 लाख बताई जाती है। पंचायत के इन जिम्मेदार लोगों की मिलीभगत से तालाब निर्माण कार्य में खानापूर्ति कर कार्य पूर्ण दर्शा दिया गया यहां तक की तालाब की साफ-सफाई तक ठीक से नहीं की गई गई तब इसकी खुदाई किए जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। सिर्फ वेस्ट वियर का कांक्रीट कार्य कराकर कार्य के लिए स्वीकृत राशि का आहरण कर लिए जाने का आरोप ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसी पर लगाया है। वहीं निर्माण कार्य की तकनीकी जानकारी और निर्माण के भौतिक सत्यापन के लिए जिम्मेदार सब इंजीनियर ऋतुराज डेहरिया से हमारे प्रतिनिधि द्वारा बार बार संपर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु वे लगातार बचने का प्रयास करते रहे और किए गए निर्माणकार्य के संबंध में कोई भी जानकारी उनके द्वारा नहीं दी जा रही है।

ग्रामीणों की माने तो निर्माण कार्य ठेके पर करवाया गया है। कार्य का मुआयना तक सरपंच सचिव एवं उपयंत्री नहीं किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि तालाब की खुदाई के नाम पर पंचायत द्वारा मनरेगा अन्तर्गत खानापूर्ति के लिए कुछ मजदूरों को लगाया गया था जिनके द्वारा थोड़ा बहुत कार्य कुछ हिस्से में अपनी मर्जी से किया गया है, जिसको देखने वाला तक कोई नहीं था इस तरह से शासकीय राशि का दुरुपयोग कर जीर्णोद्धार के नाम पर खुला खेल खेला गया है जिसकी जांच सक्षम तकनीकी अधिकारियों के माध्यम से कराकर जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है।

जीर्णोद्धार के बाद भी अनुपयोगी साबित हो रहा तालाब

ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी बढ़ने पर ग्राम के जानवरों को पानी पीने के लिए 5 से 7 किलोमीटर तक ले जाना पड़ता है। शासन द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जाने के बाद अगर तालाब की ठीक ढंग से खुदाई हो जाती तो यहां पर्याप्त मात्रा पानी संग्रहित हो सकता था।किंतु ठेकेदार के साथ सरपंच सचिव की मिलीभगत और सब इंजीनियर के संरक्षण में निर्माण कार्य के नाम पर लीपापोती कर से शासकीय राशि का बंदरबांट कर लिया गया।
और ग्रामीणों को अब भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो जल संरक्षण और जीर्णोद्धार के नाम पर पंचायत में और भी कार्य इसी तर्ज पर करवाए गए है जिनका खुलासा आगे किया जावेगा।

सब इंजीनियर के संरक्षण में जारी भ्रष्टाचार

बताया जाता है कि पंचायत में पदस्थ सब इंजीनियर ऋतुराज डेहरिया द्वारा न तो पंचायत के निर्माण कार्यों का कभी निरीक्षण किया जाता है और न ही कार्यों की गुणवत्ता को सुधारने के संबंध में कोई कार्यवाही की जाती है। पंचायत में चल रहे निर्माण कार्यों के ग्रामीणों द्वारा शिकायत किए जाने पर भी कोई ध्यान उनके द्वारा नहीं दिया जाता है जिससे जाहिर होता है कि पंचायत में निर्माण कार्यों में हो रही गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार में सब इंजीनियर ऋतु राज डेहरिया का खुला संरक्षण है। घटिया निर्माण कार्यों, अनुपयोगी कार्यों की राशि आहरण में इनकी भूमिका की विशेष रूप से जांच करवाते हुए इनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही जिला पंचायत द्वारा की जाना चाहिए।

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