
जिले की दुकानें आबकारी विभाग कल से ले सकता है अपने हाथ में
तीन दिनों में शपथ पत्र नहीं देने पर ठेका निरस्त के कोर्ट ने दिए थे आदेश
प्रदेश की शराब दुकानों का संचालन सरकारी अमले द्वारा कराए जाने की तैयारी
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 8 जून 2020, मप्र शराब दुकान को लेकर शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच मे चल रहा गतिरोध हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई के बाद खत्म हो गया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा है कि जो भी शराब ठेकेदार सरकार की वर्तमान शर्तो पर दुकान संचालित करना चाहते है वो 3 दिन में शपथ पत्र कोर्ट में दे दे। जो शराब ठेकेदार 3 दिन में शपथ पत्र जमा नहीं करते है उस परिस्थिति में उस दुकान का टेण्डर निरस्त माना जायेगा। इसके बाद मप्र आबकारी विभाग दुकान का टेंडर दोबारा बुलवाने के लिए स्वतंत्र रहेगा। जो ठेकेदार शपथ पत्र दे देते है उनको लागू शर्तो के आधार पर शराब दुकानों के संचालन की अनुमति मिल जाएगी जिसके बाद वो अपनी दुकानें खोल सकते है। गौरतलब है कि मप्र के 30 शराब ठेकेदारो ने मप्र आबकारी विभाग की शर्तों पर शराब दुकाने न खोल हाईकोर्ट की शरण ली थी। जिसके बाद गुरुवार को कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अंतरिम आदेश जारी किया है।
अभी इस मामले पर इन शराब ठेकेदारों को आज का समय शपथ पत्र दिए जाने के लिए बाकी है। किन्तु सूत्रों की माने तो अधिकांश ठेकेदार शपथ पत्र देने की बजाय आज शाम को अपनी दुकानें बंद कर सकते है, वहीं आबकारी विभाग शासन से प्राप्त निर्देशों के तहत कल से दुकानों का संचालन अपने अमले से करवाने की तैयारी कर रहा है। उसी क्रम में आज मिली जानकारी के अनुसार जिले की पांचों दुकानों के संचालन के लिए विभाग के अमले को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया भी जारी है और आज शाम तक जो भी निर्णय और निर्देश शासन से प्राप्त होते है कल से शराब की दुकानों का संचालन उस आधार पर होगा।
इस संबंध में जिले के आबकारी ठेकेदार ने चर्चा में बताया कि हम हाईकोर्ट में 17 जून को होने वाली आखरी सुनवाई का इंतजार करेगे, तब तक ठेकेदारों द्वारा दुकानों का संचालन नहीं किया जायेगा। अब तक आबकारी विभाग की तैयारियों और सरकार के निर्देशों व ठेकेदारों के विचार से अनुमान यही लगाया जा सकता है की कल से जिले और अन्य लगभग 30 जिलों में सरकार शराब दुकानों का संचालन अपने हाथो में ले सकती है।