गुणवत्ताविहीन चावल के मामले में अधिकारियों की सेवा समाप्त और मिलरो के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त, जिला प्रबंधक निलंबित
मिलर्स के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज,

बालाघाट एवं मंडला जिलों के 57 चावल सैम्पल मानक गुणवत्ता के नहीं पाए गए थे

जनपथ टुडे,भोपाल, 3 सितम्बर 2020, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बालाघाट एवं मंडला जिलों में कुछ स्थानों पर गुणवत्ताविहीन चावल प्रदाय के प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। उन्हें साफ हिदायत भी है कि राशन, खाद आदि की गड़बड़ी अथवा कालाबाजारी करने वालों को बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा तथा उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

 

घटिया चावल के मामले में कल बालाघाट एवं मंडला जिलों के चावल की गुणवत्ता कार्य के लिए जिम्मेवार गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, वहीं बालाघाट के जिला प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है और संबंधित मिलर्स के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

 

51 दलों ने 1021 सैम्पल लिए

चावल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए भारतीय खाद्य निगम एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 51 संयुक्त दल बनाए गए, जिन्होंने दोनों जिलों से चावल के 1021 सैम्पल लिए थे प्रारंभिक जांच के परिणाम स्वरूप इनमें से 57 सैम्पल निर्धारित गुणवत्ता विहीन पाए गए।

 

मिलर से गुणवत्ता युक्त चावल प्राप्त किए जाएंगे

राज्य की कस्टम मिलिंग नीति में उल्लेखित प्रावधान अनुसार मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग उपरान्त दिए गये निम्न गुणवत्ता के चावल मिलर को वापस कर मानक गुणवत्ता के चावल प्राप्त किए जाएंगे।

 

जिले में भी जांच और बड़ी कार्यवाही की आवश्यकता

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में भी चावल का जो स्टॉक गोदामों में है जांच में सभी लाट रिजेक्ट पाए गए है और दो मिलरो के सैंपल टीम जांच हेतु ले गई थी वह भी रिजेक्ट पाए जाने की सूचना सूत्रों से प्राप्त हुई है। पूर्व में जिले की कई दुकानों पर घटिया चावल के वितरित किए जाने की शिकायते प्राप्त होती रही है किन्तु न कोई कार्यवाही मिलरो पर कभी हुई न ही गुणवत्ता निरीक्षकों पर। जिले में जब पूरे के पूरे लाट रिजेक्ट है तब आखिर नागरिक आपूर्ति निगम मिलरो को भुगतान किस काम का कर रहा है। पूर्व में जो लाट बिना परीक्षण के जनता को बांट दिए गए उन पर भी सवाल जरूर खड़े होते है। जिले में गुणवत्ताहीन चावल की बहुत सी शिकायते आती है जिन पर आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। जिला प्रशासन को जिले में चावल की गुणवत्ता को लेकर विशेष समीक्षा कर शीघ गड़बड़ीयो पर कार्यवाही की जानी चाहिए, जिले में वितरित होने वाले चावल को लेकर लगातार शिकायते आती रही है।

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